1 जुलाई से अब जलभराव के चलते कई बार खोले गेट
एक जुलाई से 15 अगस्त तक तेज बारिश में जलभराव के चलते तवा बांध के गेट कई बार खोलना और बंद करना पड़े। सिंचाई विभाग तवा डेम के एसडीओ सूर्यवंशी के अनुसार इस साल जुलाई में अच्छी बारिश हुई है। इसके कारण सीजन में 2 बार बांध के सभी 13 गेट 13 फीट उंचाई तक खोले गए हैं। इसके अलावा कुल 52 बार अलग-अलग यानी कभी 2, कभी 3, कभी 7 बार गेट खोले गए हैं। सीजन में 4 बार बंद गेट खोले गए हैं।
एक जुलाई से 15 अगस्त तक तेज बारिश में जलभराव के चलते तवा बांध के गेट कई बार खोलना और बंद करना पड़े। सिंचाई विभाग तवा डेम के एसडीओ सूर्यवंशी के अनुसार इस साल जुलाई में अच्छी बारिश हुई है। इसके कारण सीजन में 2 बार बांध के सभी 13 गेट 13 फीट उंचाई तक खोले गए हैं। इसके अलावा कुल 52 बार अलग-अलग यानी कभी 2, कभी 3, कभी 7 बार गेट खोले गए हैं। सीजन में 4 बार बंद गेट खोले गए हैं।
इस तरह साल दर साल बढ़ रहा जिले में रबी और खरीफ का रकबा
ग्रीष्मकालीन मूंग का रकबा 22 हजार हेक्टेयर बढ़ा था
कृषि विभाग ने बताया कि इस बार के ग्रीष्मकालीन मूंग के रकबे में बीते साल की तुलना में 22 हजार हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल 2 लाख 28 हजार हेक्टेयर में मूंग की फसल ली गई थी, इस बार रकबा बढ़ाकर 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर किया गया है। सबसे अधिक रकबा सिवनीमालवा तहसील में 60579 हेक्टेयर है। दूसरे नंबर पर माखननगर तहसील है जहां 24371 हेक्टेयर में मूंग बोई गई है।
ग्रीष्मकालीन मूंग का रकबा 22 हजार हेक्टेयर बढ़ा था
कृषि विभाग ने बताया कि इस बार के ग्रीष्मकालीन मूंग के रकबे में बीते साल की तुलना में 22 हजार हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल 2 लाख 28 हजार हेक्टेयर में मूंग की फसल ली गई थी, इस बार रकबा बढ़ाकर 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर किया गया है। सबसे अधिक रकबा सिवनीमालवा तहसील में 60579 हेक्टेयर है। दूसरे नंबर पर माखननगर तहसील है जहां 24371 हेक्टेयर में मूंग बोई गई है।
जिले में रबी फसल का रकबा बढ़ा
जिले में वर्ष 2022 में रबी के रकबा में भी बढ़ोत्तरी हुई थी। वर्ष 2021 में जिले में 322560 हेक्टेयर में गेहूं और चना की फसल बाई गई थी। वर्ष 2022 में 321390 हेक्टेयर में रबी की बोवनी की गई थी। वर्ष 2018-19 में 1 लाख 82 हजार हेक्टेयर में रबी की वोवनी की गई थी। इसी तरह वर्ष 2017-18 में 1 लाख 79 हजार हेक्टेयर में रबी की बोवनी की गई थी।
इनका कहना
बांध के पानी का उपयोग रबी और खरीफ की फसल की सिंचाई के लिए किया जाएगा। नवंबर में धान तथा मार्च- अप्रैल में मूंग की फसल की सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा।
एसएम सूर्यवंशी, एसडीओ तवा परियोजना
जिले में वर्ष 2022 में रबी के रकबा में भी बढ़ोत्तरी हुई थी। वर्ष 2021 में जिले में 322560 हेक्टेयर में गेहूं और चना की फसल बाई गई थी। वर्ष 2022 में 321390 हेक्टेयर में रबी की बोवनी की गई थी। वर्ष 2018-19 में 1 लाख 82 हजार हेक्टेयर में रबी की वोवनी की गई थी। इसी तरह वर्ष 2017-18 में 1 लाख 79 हजार हेक्टेयर में रबी की बोवनी की गई थी।
इनका कहना
बांध के पानी का उपयोग रबी और खरीफ की फसल की सिंचाई के लिए किया जाएगा। नवंबर में धान तथा मार्च- अप्रैल में मूंग की फसल की सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा।
एसएम सूर्यवंशी, एसडीओ तवा परियोजना