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होशंगाबाद

महिलाओं ने मुर्गी पालन से आदिवासी किया 36 करोड़ रुपए का कारोबार

केसला पोल्ट्री सहकारी समिति का सत्रहवां वार्षिक अधिवेशन हुआ

होशंगाबादSep 19, 2018 / 06:51 pm

govind chouhan

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महिलाओं ने मुर्गी पालन से आदिवासी किया 36 करोड़ रुपए का कारोबार

इटारसी. केसला पोल्ट्री सहकारी समिति का सत्रहवां वार्षिक अधिवेशन मंगलवार को सुखतवा में हुआ। मुर्गीपालन से आदिवासी महिलाओं ने इस वर्ष36 करोड़ रुपए का कारोबार किया है। समारोह के दौरान साल भर अच्छा उत्पादन करने वाले मुर्गीपालकों को सम्मानित किया गया।
समिति की अध्यक्ष कुंतीबाई ने समारोह में वर्ष 2017-18 का आय-व्यय का लेखाजोखा प्रस्तुत किया। सुखतवा में आयोजन का यह सत्रहवां वर्ष था। केसला पोल्ट्री की महिलाओं ने शोषण से मुक्ति के बाद आत्मविश्वास से मुर्गी का काम गांव-गांव में शुरू किया। स्वाबलंबी होने के साथ-साथ आर्थिक रूप से महिलाएं मजबूत भी हुई है। आमसभा के दौरान आदिवासी महिला एवं पुरुषों ने नृत्य करके खुशी मनाई। इस अवसर पर मप्र वुमेन पोल्ट्री प्रोड्यूसर्स के डायरेक्टर डा. पवन हजारिका, केसला पोल्ट्री सहकारी समिति मैनेजर डॉ. मुक्कदस अली ने अतिथियों का स्वागत किया। होशंगाबाद और बैतूल जिले के जिन मुर्गी पालकों ने साल भर अच्छा उत्पादन किया, उन्हें समिति ने पुरस्कृत किया।
उल्लेखनीय है कि शासन की योजनाओं का लाभ लेकर आजीविको पार्जन के क्षेत्र में महिलाएं काफी आगे बढ़ रही हैं। विभिन्न व्यवसायों के लिए लोन लेकर अथवा सहकारी समितियां तैयार करके महिलाएं स्वावलंबी की श्रेणी में खड़ी हो रही हैं। ऐसे कई आदिवासी महिला संगठन और समितियां हैं जिन्होंने रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी कामयाबी का परचम लहराया है। केसला विकासखंड में भी आदिवासी महिलाएं अपने दम पर रोजगार खडा कर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं।
2004 में हुई थी समिति की स्थापना
वर्ष 2004 में केसला पोल्ट्री सहकारी समिति की स्थापना हुई थी। आदिवासी महिलाओं की यह समिति अपने-अपने गांव में मुर्गी पालन का कार्य करती हैं। 2004 में कुल 276 महिलाएं सदस्य थी। वर्ष 2018 में 47 गांव में 39 सुपरवाइजर की निगरानी में मुर्गीपालन का कार्य किया जा रहा है।

खुद चूजे बनाती है समिति
सुखतवा चिकन के नाम से प्रदेश भर में प्रसिद्ध यहां की मुर्गियां देश के कई राज्यों में इसकी सप्लाई होती है। सहकारी समिति की मुख्य संस्था मप्र वुमेन पोल्ट्री प्रोड्यूसर्स कंपनी है। जिसने स्वयं के चूजे बनाने की फैक्ट्री जमानी में स्थापित की है। कंपनी में विदेशी बैंक से ऋण लेकर कीरतपुर औद्योगिक क्षेत्र में मुर्गी दाना फैक्ट्री स्थापित किया है।

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