सोमवार को इनकी शिफ्टिंग को देखते हुए कड़ी सुरक्षा के बीच बाड़े में रेस्क्यू शुरू किया गया। भेजे गए बाघों में ढाई से तीन वर्ष के नर तथा मादा बाघिन शामिल हैं। एनटीसीए से इन्हें भेजने की अनुमति काफी पहले मिल चुकी थी। खराब मौसम के चलते पिछले छह माह से पार्क प्रबंधन सही मौसम का इंतजार कर रहे थे।
हफ्तेभर निगरानी के बाद सोमवार को आखिरकार इन्हें टंक्यूलाइज कर पहले बेहोश किया गया। फिर लोहे के पिंजरे में सतपुड़ा भेज दिया गया। ऑपरेशन के दौरान वन्यजीव डॉक्टरों की टीम और पार्क के आला अफसर मौजूद रहे।