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होशंगाबाद

यहां मृत्युदर कम बताने बिना उपचार नवजातों मासूमों की जान से हो रहा खिलवाड़

एक माह से अधिक समय से बिगडा पड़ा वेंटिलेटर

होशंगाबादMar 01, 2019 / 12:50 pm

poonam soni

Ventilator spoiled for more than a month

यहां मृत्युदर कम बताने बिना उपचार नवजातों मासूमों की जान से हो रहा खिलवाड़

होशंगाबाद. शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए जिला अस्पताल में स्थापित एसएनसीयू कारगार साबित नहीं हो रहा है। बल्कि मृत्युदर कम दिखाने के लिए उपचार की जगह नवजात शिशुओं को रेफर कर दिया जाता है। अप्रैल 2018 से जनवरी 2019 तक 12 प्रतिशत से अधिक बच्चों को भोपाल रेफर किया गया। जबकि 4 प्रतिशत से अधिक बच्चे लामा भी हुए हैं। ओपीडी में रैफर होने वाले बच्चों की संख्या इसमें नहीं जुड़ी है। यह करीब २८ प्रतिशत से अधिक बताई जाती है। इसका प्रबंधन के पास रिकार्ड भी नहीं है।
सूत्र बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग भोपाल भेजी गई रिपोर्ट में एसएनसीयू में हर माह 10 नवजात की मौत होना बताया गया है। सबसे अधिक 14 नवजात की मौत मई 2018 में हुई थी। इसके बाद १२ मौतें दिसंबर में हुई। बच्चों की मौत के लिए समय पूर्व डिलीवरी और इंफेक्शन को प्रमुख वजह बताया गया है।
रिपोर्ट में बताई प्रोग्रेस रिपोर्ट : भोपाल भेजी गई रिपोर्ट में 9 माह का प्रोग्रेस कार्ड रखा गया है। एसएनसीयू (नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई) में हर महीने 100 से 150 बच्चे भर्ती होते हैं। जहां उन्हें 24 घंटे अत्याधुनिक उपकरण और डॉक्टरों की देखरेख के बीच रखा जाता है। अप्रेल २०१८ से जनवरी 2019 तक भर्ती हुए 1247 बच्चों में से 96 की मौत हो चुकी है।
एक माह से वेंटिलेटर खराब : जिला अस्पताल में एक माह से वेंटिलेटर खराब पड़ा हुआ है। वहीं डॉक्टर्स की कमी के कारण भी एसएनसीयू में परेशानियां हैं। ४ में से सिर्फ ३ डॉक्टर्स हैं, जिनमें से एक अवकाश में होने से डॉक्टर्स ऑनकॉल रहते हैं।
अस्पताल के सभी बड़े उपकरणों के लिए इस बार हम एएमयू करने की तैयारी कर रहे हैं। जिससे समय रहते खराब पड़े उपकरणों को सुधारा जा सके। एसएनसीयू के लिए एक वेंटिलेटर के लिए आर्डर दिया गया है। वो भी जल्द आएगा।
डॉ. सुधीर डेहरिया, सीएस
अप्रैल 18 से मार्च 2019तक का लेखाजोखा
नवजात पहुंचे एसएनसीयू वार्ड में 1361
नवजात के स्वास्थ्य में सुधार होकर छुट्टी – 1031
नवजात की हुई मौत – 100
हालत न सुधरने पर परिजन दूसरे अस्पताल ले गए – 66
गंभीर नवजात को किया रैफर 168
रिपोर्ट में मौत के कारण : प्रीमैच्योर प्रसव (अविकसित फेफडे और उससे उपजने वाली सांस प्रक्रिया), कम वजन, संक्रमण रक्त विषणता, प्रमुख जन्मजात विकृति, अन्य कारण।

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