इटारसी. नगर निगम, नगर पंचायत और नगर पालिका की तरह अब ग्राम पंचायतों में रहने वाले ग्रामीणों को भी ‘टैक्स’ देना होगा। यह व्यवस्था पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग प्रणाली लागू करने जा रही है। हालांकि ग्रामीणों को किस-किस पर ‘कर’ देना है। इसका निर्णय पंचायत की ग्राम सभाओं में लिया जाएगा। टैक्स से प्राप्त आय से गांवों में विकास कार्र्य कराए जाएंगे। वर्तमान में शासन ग्रामवासियों से कोई भी कर नहीं लेती थी। गांव में सडक़ बनवाना हो, हैंडपंप या स्कूल भवन की मरम्मत करनी हो, स्ट्रीट लाइट लगना हो, इसकके लिए फंड पीएचई, पंचायत, लोकनिर्माण या शिक्षा विभाग को फंड देती थी। इससे ये काम होते थे। अब नई व्यवस्था में ग्रामीणों से प्राप्त टैक्स राशि से पंचायतों के अंतर्गत आने वाले गांवों का विकास किया जाएगा।
कार्ययोजना के साथ ही सर्वे शुरू
जिला पंचायत होशंगाबाद ने कर वसूलने की कार्ययोजना बनाने के साथ ही सर्वे शुरू कर दिया है। जिपं अधिकारियों के अनुसार जिले में 423 पंचायतों के 950 गांव है, जिसमें से 3 से 5 हजार आबादी वाले गांवों का चयन कर कर प्रणाली को लागू किया जाएगा। इन करों में संपत्ति, प्रकाश, जल, सफाई कर आदि शामिल है, जिसे प्रत्येक ग्रामीण से लिया जाएगा। कर निर्धारण मार्च में होने वाले ग्राम सभाओं में तय किया जाएगा।
इनका कहना
गांवों में ग्रामीणों से कर लिया जाएगा। किन-किन पर कर लेने हैं? इनके निर्धारण को लेकर शासन के दिशा-निर्देश पर कार्ययोजना तैयार किया जा रहा है। कर वसूलने के लिए जिले में सर्वे भी शुरू कर दिया है।
– आदित्य सिंह, सीईओ जिला पंचायत होशंगाबाद