जिले में होशंगाबाद ब्लॉक में 10, केसला में 19, बाबई में 20, सोहागपुर में 24, पिपरिया में 56, बनखेड़ी में 61 और सिवनीमालवा में 24 हैंडपंप बंद पड़े हैं। कुल 214 इनमें सवा सौ हैंडपंप जल स्तर गिरने से सूख जाने से बंद हो गए हैं। 69 हैंडपंप ऐसे हैं, जिनमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बची है।
विशेष कार्य योजना, फाइल अटकी
पीएचई ने ग्रीष्मकाल को दृष्टिगत रखते हुए 301.70 लाख रुपए की आकस्मिक कार्य योजना तैयार कर शासन को भेजी है, लेकिन प्रस्ताव के फाइल भोपाल जाकर अटक गई है। इनमें नलकूप खनन, 182 नए हैंडपंप व पुराने हैंडपंपों में राइजिंग पाइप बढ़ाने सहित जल स्तर नीचे जाने पर इनमें सिंगल फेज मोटर भी लगाई जानी है।
साकार नहीं हो सकी सीएम नलजल योजनाएं
जिले के जलसंकट वाले 56 ग्रामों को चिन्हित कर विशेष तौर पर यहां 56 मुख्यमंत्री नलजल योजनाओं का 2895.77 लाख का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इनमें से 34 योजनाओं को ही 392.94 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिल सकी, लेकिन अधिकांश राशि खर्च होने के बाद भी इनमें से एक भी योजना चालू नहीं हो सकी है।
जिले के होशंगाबाद ब्लॉक में 3, केसला में 4, सोहागपुर में 2, बाबई में 5, पिपरिया में 7, बनखेड़ी में 4 एवं सिवनीमालवा में 5 नलजल योजनाएं बंद पड़ी है। मार्च माह बीतने के बाद भी इन्हें पीएचई ने अभी तक चालू नहीं कराया है। इस वजह से इन ग्रामों में पेयजल संकट गहरा रहा है।
जिले की 168 बसाहटें सूखे से प्रभावित हैं। ग्रीष्मकाल में अप्रैल से लेकर जून माह तक की अवधि में उत्पन्न होने वाले जल संकट से निपटने के लिए पीएचई ने 297.75 लाख रुपए की विशेष कार्ययोजना बनाई है। इनमें 57 पावर पंप, 3800 हैंडपंपों में साइजर पाइप बढ़ाने, 118 नवीन नलकूप खनन सहित नलकूपों की सफाई शामिल है।
जिले सातों विकास खंडों की 425 पंचायतों के 918 ग्रामों में कुल 188 नलजल योजनाएं स्थापिता है। इनमें से 30 योजनाएं भूृ-जल स्तर गिरने, पंचायतों की लापरवाही, बिजली कनेक्शन नहीं होने से कई महीनों से बंद पड़ी है। इसी तरह ग्रामों में 8 हजार 616 हैंडपंप लगे हुए हैं, इनमें से 212 बंद हो चुके हैं। ज्यादातर हैंडपंप जल स्तर के गिरने से पानी नहीं दे पा रहे हंै।