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होशंगाबाद

जिले में तीन साल में 31 हजार हैक्टेयर बढ़ा गेहूं का रकबा, टूटेगा उत्पादन का रिकॉर्ड

प्रदेश के खाद्यान्न भंडारण में होशंगाबाद जिले का सबसे बढ़ा योगदान, पिछले सालों के सारे रिकॉर्ड को तोड़ेगा इस बार भी गेहंू का उत्पादन, इस वर्ष करीब 10.50 लाख मीट्रिक टन तक खऱीदी की संभावना, पंजाब की बराबरी में बरकरार है होशंगाबाद जिले की गेहूं उत्पादकता

होशंगाबादJan 20, 2020 / 12:54 pm

devendra awadhiya

जिले में तीन साल में 31 हजार हैक्टेयर बढ़ा गेहूं का रकबा, टूटेगा उत्पादन का रिकॉर्ड

जिले में तीन साल में 31 हजार हैक्टेयर बढ़ा गेहूं का रकबा, टूटेगा उत्पादन का रिकॉर्ड

देवेंद्र अवधिया होशंगाबाद
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट के बीच देखें तो हरित क्रांति के संवाहक तवा डेम वाले होशंगाबाद जिले में तीन साल में गेहूं के रकबे में 31 हजार हैक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। इस बार का उत्पादन पिछले सालों के सारे रिकॉर्ड तोड़ेगा। इस रबी सीजन में 10.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन की संभावनाएं हैं, जबकि पिछले साल यह उत्पादन 8.5 लाख मीट्रिक टन था। यानी एक साल के अंतर में ही इसमें करीब 2 लाख मीट्रिक टन की बढ़ोतरी होगी। उत्पादकता के मामले में अभी भी जिला पंजाब राज्य की बराबरी पर चल रहा है। जिले की उत्पादकता 45 क्विंटल प्रति हैक्टेयर से बढ़कर 50 क्विंटल प्रति हैक्टेयर होने जा रही है। प्रदेश व देश के खाद्यान्न भंडारण में होशंगाबाद जिले का सबसे बढ़ा योगदान है। यही वजह है कि पिछले छह सालों से केंद्र सरकार की ओर से मप्र को लगातार कृषि कर्मण अवॉर्ड मिल रहा है।

जिले में रिकॉर्ड तोड़ बुवाई
जिला कृषि विभाग के अनुसार 19 जनवरी 2020 तक तीन लाख हैक्टेयर में इस रबी सीजन में जिले में गेहूं बोया गया है, जो पिछले साल की तुलना में करीब 25 हजार हैक्टेयर (2.8 लाख हैक्टेयर) ज्यादा है। पिछले चार सालों में यह गेहूं बुवाई का उच्चतम क्षेत्र है।

साल-दर-साल बढ़ रहा रकबा
वर्ष – रकबा (हैक्टेयर में )
2016-17- 2.70 लाख
2017-18 – 2.75 लाख
2018-19 -2.81 लाख
2019-20 -3.01 लाख

उत्पादन के सारे पिछले रिकॉर्ड टूटेंगे
जिले में तवा डेम से सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलने, एक बारिश होने से गेहूं का रकबा लगातार बढ़ा है। अनुकूल जलवायु और मिट्टी व किसानों व्दारा अपनाई जा रही आधुनिक तकनीक से खेती व उन्नत किस्म की बीजों के उपयोग ने पैदावार बढ़ाई है। इस साल के रबी सीजन में पिछले सालों के उत्पादन का सारे रिकॉर्ड भी टूटने की संभावनाएं हैं। चालू सर्द मौसम में जिले में फसल की स्थिति बेहतर है। पिछले वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कुल 8.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खऱीदी हुई थी। इस वर्ष लगभग 10.50 लाख मीट्रिक टन तक खऱीदी की संभावना है। खरीदी की तैयारियां भी जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है।

एमपी की सर्वाधिक उत्पादकता जिले की है
सुखद बात यह भी है कि एमपी की सर्वाधिक गेहूं उत्पादकता होशंगाबाद जिले की है। पिछले वर्ष 48 क्विंटल प्रति हैक्टेयर प्राप्त हुई थी जो इस वर्ष 50 क्विंटल प्रति हैक्टेयर प्राप्त करने का लक्ष्य से इस बार भी बंपर (रिकॉर्ड) उत्पादन के आसार हैं।

यह बोई गई है उन्नत किस्में
जिले में इस बार किसानों ने बुवाई में गेहूं की उन्नत किस्म तेजस एचआई 8759, जीडब्ल्यू-451, जेडबल्यू-3382, 3288, एमपी-1203, जीडबल्यू- 322 सहित अन्य उन्नत किस्मों का उपयोग किया है।

पंजाब की बराबरी के कारण
पंजाब राज्य की बराबरी में होशंगाबाद जिले की गेहूं उत्पादकता के मुख्य कारण जिले में गेहूं का ज़ोनल कृषि अनुसंधान पवारखेड़ा होना भी है। यहां से निकली उन्नत किस्मों के किसानो के लिये बहुत उपयोगी साबित हुई है। तवा डेम से बड़े रकबे में सिंचाई, होती है। प्रदेश में सर्वाधिक सिंचित क्षेत्र लगभग 94 प्रतिशत होशंगाबाद जिले में हैं। मां नर्मदा का प्रभाव एवं यहां की मिट्टी भी खेती के लिये पूरे एशिया में सर्वाधिक उपजाऊ है। इसलिये लगातार जिले के किसानों को छटवीं बार कृषि कर्मण अवॉर्ड मिल चुका है।

इनका कहना है…
जिले में रबी की मुख्य गेहूं फसल की स्थिति अनुकूल मौसम से बेहतर है। तवा डेम से भरपूर सिंचाई सुविधा, अनुकूल जलवायु, व उन्नत किस्मों के उपयोग से तीन सालों में रकबा करीब 31 हजार हैक्टेयर बढ़ा है। इस बार के सीजन में उत्पादकता 50 क्विंटल प्रति हैक्टेयर के मान से उत्पादन भी करीब 10.50 लाख मीट्रिक टन आने की संभावनाएं हैं।
-जितेंद्र सिंह, उप संचालक कृषि विभाग होशंगाबाद

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