इसलिए जारी किए जा रहे निर्देश
आदेश में डब्ल्यूएचओ का हवाला देते हुए कहा है कि बार-बार एंटीबायोटिक्स दवा के इस्तेमाल से शरीर में इनके प्रति रेसिस्टेंस बढऩे लगता है। जिससे कुछ समय बाद मौसमी बीमारियों में ली जाने वाली एंटीबायोटिक्स दवाएं न के बराबर असर करती हैं। बार-बार एंटीबायोटिक्स लेने से पेट में मौजूद खराब बैक्टीरिया के साथ अच्छे बैक्टीरिया भी मर जाते हैं। जिससे शरीर का बैक्टीरियल सिस्टम बिगड़ जाता है। ऐसे में टाइप-टू डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है।
वैसे ऑपरेशन में इनका उपयोग कम नहीं किया जा सकता
एंटिबायोटिक दवाओं का लगातार बढऩा चिंता का विषय है। आदेशों के अनुसार अगले दो-तीन दिनों में डॉक्टरों और कमेटी को बुलाकर समीक्षा की जाएगी। वैसे ऑपरेशन में इनका उपयोग कम नहीं किया जा सकता है, लेकिन वायरल बुखारों में इनसे बचा जा सकता है।
– डॉ.रविंद्र गंगराडे, सीएस होशंगाबाद
आदेश में डब्ल्यूएचओ का हवाला देते हुए कहा है कि बार-बार एंटीबायोटिक्स दवा के इस्तेमाल से शरीर में इनके प्रति रेसिस्टेंस बढऩे लगता है। जिससे कुछ समय बाद मौसमी बीमारियों में ली जाने वाली एंटीबायोटिक्स दवाएं न के बराबर असर करती हैं। बार-बार एंटीबायोटिक्स लेने से पेट में मौजूद खराब बैक्टीरिया के साथ अच्छे बैक्टीरिया भी मर जाते हैं। जिससे शरीर का बैक्टीरियल सिस्टम बिगड़ जाता है। ऐसे में टाइप-टू डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है।
वैसे ऑपरेशन में इनका उपयोग कम नहीं किया जा सकता
एंटिबायोटिक दवाओं का लगातार बढऩा चिंता का विषय है। आदेशों के अनुसार अगले दो-तीन दिनों में डॉक्टरों और कमेटी को बुलाकर समीक्षा की जाएगी। वैसे ऑपरेशन में इनका उपयोग कम नहीं किया जा सकता है, लेकिन वायरल बुखारों में इनसे बचा जा सकता है।
– डॉ.रविंद्र गंगराडे, सीएस होशंगाबाद