पचमढ़ी से 8 मार्च को लापता हुए उत्तमलाल श्रीवास 38 साल के अंधे कत्ल का एसडीओपी शिवेन्दू जोशी, टीआई महेश तांडेकर ने खुलासा किया है। एसडीओपी ने बताया कि सफाई कर्मी छावनी परिषद उत्तम श्रीवास 8 मार्च को लापता हो गया था पत्नि माायबाई 36 साल ने पचमढ़ी थाने में पति की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। विवेचना अधिकारी महेश तांडेकर ने बताया कि जांच के दौरान यह पता चला कि उत्तम कभी पचमढ़ी से बाहर ही नही गया था वही घटना के दिन वह पचमढ़ी के होटल में काम करने वाले मुख्य आरोपी कमलेश पिता भोंदल ढाकरिया 38 साल निवासी जमनिया पठार के साथ देखा गया था। मुखबिरी के जरिए मायाबाई के संदिग्ध चरित्र की पुलिस को जानकारी मिलने पर जांच की गई तो हत्या के षडयंत्र की कडिय़ा खुलती गई। मोबाइल फोन की सीडीआर डिटेल आरोपियों के वार्तालाप एकत्र कर आरोपियों के हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछतांछ की तो अंधे कत्ल का पर्दाफाश हो गया। पति की गुमशुदगी दर्ज कराने के बाद मायाबाई रोजाना थाने के चक्करकाट रही थी ताकि किसी को शक न हो। इस खुलासे में एसपी संतोष कुमार गौर,एएसपी घनश्याम मालवीय का विवेचना टीम को लगातार मार्गदर्शन मिला जिससे अंधे कत्ल का खुलासा हो सका।
मुख्य आरोपी कमलेश का मायाबाई से प्रेम प्रसंग चल रहा था। कमलेश ने सह आरोपी नीलेश पटेल पिता मुन्ना पटेल निवासी चावलपानी और मायाबाई ने उत्तम को रास्ते से हटाने षडयंत्र बनाया और 8 मार्च को उत्तम को बाइक से दोनो आरोपी देनवा दर्शन खाई पहुंचे यहां उत्तम को आरोपियों ने शराब पिलाने के बाद सैकड़ो फीट गहरी देनवा खाई में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी। 12 अप्रैल को देनवा दर्शन खाई से आरोपियों ने मृतक उत्तम का शव बरामद कराया जो डि कम्पोज हो चुका था। आरोपियों के खिलाफ धारा 302,201,120बी,34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
मुख्य आरोपी कमलेश ने अपनी प्रेमिका मायाबाई को एक मोबाइल खरीद कर अपने नाम की सिम डालकर बातचीत के लिए दिया था। इस फोन से सिर्फ दोनो के बीच ही बात होती थी। पुलिस ने एक माह बाद यह फोन भी बरामद कर लिया है। टीआई ने बताया कि मुख्य आरोपी कमलेश के खिलाफ परासिया थाने में पूर्व से ज्यादती का अपराध भी दर्ज है।