मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहां जेष्ठ शुक्ल माह की तिथि को ४ जुलाई को भगवान जगन्नाथ के स्वस्थ्य होने पर इनकी रथयात्रा निकाली जाएगी। जो पांच दिनों तक शहर में भ्रमण करेंगी। भगवान स्वस्थ्य होकर शहर की प्रजा का हाल जानने निकलेगें। रथयात्रा में हरिद्वार, बनारस, बद्रीनाथ सहित चारों धामो से बाबा शामिल होने आते है।
वैद्य द्वारा भगवान जगन्नाथ के लिए एक पर्चा भी तैयार कि या गया है जिसमें स्वर्णमालिनी बसंत स्वर्ण मोती युक्त, लक्ष्मी विलास, सितोपलादि चूर्ण 30ग्राम, गिलोयास 10 ग्राम, तीस पुड़यिा शहद के साथ, महासुदर्शन काढ़ा, लिव 52 टेबलेट दो-दो सुबह व शाम को दी जा रही है।
भगवान जगन्नाथ को पुराने चावल का भात, खिचड़ी, पुरानी जौ का दलिया, सत्तू, धान की लाई, ज्वार की लाई, मूंग की हरी दाल, पुराने तुअर की पतली दाल, दूध की बनी पतली खरी या लस्सी, जल उबालकर देना है। वहीं गरिष्ठ भोजन, ठंडा पदार्थ के सेवन पर सख्त रोक लगाई गई है। 15 दिन के बाद यह सभी दवाएं बंद कर अभिषेक कि या जाएगा। जिसके बाद भगवान पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएंगे।