पंजाब के एडीजीपी (जेल) इंदर प्रीत सिंह सहोता ने बताया कि कुछ महत्वपूर्ण कागजी कार्यवाही पूरी न होने की वजह से इन कैदियों को रिहा नहीं किया जा सका है। इन सभी 36 कैदियों को 5 अक्टूबर को रिहा कर दिया जाएगा। इन कैदियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सजा माफी की विभिन्न श्रेणियों के तहत इन कैदियों की रिहाई तय की गई है।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार 55 साल से अधिक उम्र की महिला एवं किन्नर कैदी और 60 साल से अधिक उम्र के पुरुष कैदी इस खास राहत के पात्र है। इसके अतिरिक्त यह जरूरी होगा कि वे अपनी आधी सजा काट चुके हों। गंभीर रूप से बीमार और शारीरिक रूप से अपाहिज कैदियों को भी उस दशा में माफी दी जा सकती है जबकि वे दो तिहाई सजा पूरी कर चुके हों। लेकिन केंद्र सरकार के कानून, एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी,आतंकवादी, हत्या एवं बलात्कार के दोषियों को भी इस रिहाई की पात्रता नहीं दी गई है। इसके साथ ही आर्थिक अपराधियों को भी इस सजा माफी से बाहर रखा गया है।