scriptकुंभ में साधुओं के इस अखाड़े में कोई हैं प्रोफेसर तो कोई डॉक्टर, उच्च शिक्षित संतों का यह अखाड़ा बना आकर्षण का क्रेंद्र | 70 percent sadhus are highly educated in Niranjani Akhara | Patrika News
हॉट ऑन वेब

कुंभ में साधुओं के इस अखाड़े में कोई हैं प्रोफेसर तो कोई डॉक्टर, उच्च शिक्षित संतों का यह अखाड़ा बना आकर्षण का क्रेंद्र

प्रयागराज कुंभ में इस अखाड़े की लोग कर रहे हैं चर्चा
उच्च शिक्षित संतों का यहां है जमावड़ा
इनका उद्देश्य हिंदू मंदिरों की रक्षा और अन्य धर्म के आक्रमणकारियों से उनका बचाव करना था।

Feb 22, 2019 / 11:51 am

Arijita Sen

निरंजनी अखाड़ा

कुंभ में साधुओं के इस अखाड़े में कोई हैं प्रोफेसर तो कोई डॉक्टर, उच्च शिक्षित संतों का यह अखाड़ा बना आकर्षण का क्रेंद्र

नई दिल्ली। अर्द्धकुंभ का आयोजन इस बार इलाहाबाद के प्रयागराज में किया गया है। 15 जनवरी से शुरू हुए इस मेले का समापन 4 मार्च को शिवरात्रि के दिन होगा। इस दौरान कुंभ स्नान का लाभ उठाने के लिए देश-विदेश से लोगों की भीड़ यहां एकत्रित हुई है। साधारण मनुष्यों के साथ-साथ यहां साधुओं का जमावड़ा भी देखने लायक है।

अर्द्धकुंभ

यहां आने वाले पर्यटकों को साधुओं के विभिन्न अखाड़े आकर्षित करते हैं। इनमें से एक है निरंजनी अखाड़ा जिसकी स्थापना सन् 1904 में गुजरात के मांडवी नामक स्थान पर हुई थी। हम यहां इस अखाड़े की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह एक खास वजह के चलते मशहूर है।

निरंजनी अखाड़ा

निरंजनी अखाड़े में जितने भी साधु संत हैं उनमें से 70 फीसदी उच्च शिक्षित हैं। इनमें से कुछ डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, प्रोफेसर, संस्कृत के विद्वान और आचार्य हैं। जानकर हैरानी होगी कि इस अखाड़े के एक संत स्वामी आनंदगिरि नेट क्वालिफाइड हैं। इतना ही नहीं वह आईआईटी खड़गपुर, आईआईएम शिलांग में लेक्चर भी दे चुके हैं और वर्तमान समय में वह बनारस से पीएचडी कर रहे हैं।

निरंजनी अखाड़ा

इसी अखाड़े के स्वामी महेशानंद गिरी ज्योग्राफी के प्रोफेसर हैं। स्वामी बालकानंद डॉक्टर हैं। पूर्णानंद गिरी लॉ एक्सपर्ट एक्सपर्ट और संस्कृत विद्वान हैं। इन्हीं वजहों से निरंजनी अखाड़ा बाकी सभी अखाड़ों में फेमस है। उच्च शिक्षित ये जटाधारी साधूगण शैव परंपरा को मानते हैं।

निरंजनी अखाड़ा

भारत के 13 प्रमुख अखाड़ों में से 7 अखाड़ों की स्थापना स्वयं शंकराचार्य द्वारा की गई थी। इन सात अखाड़ों के नाम क्रमश हानिर्वाणी, निरंजनी, जूना, अटल, आवाहन, अग्नि और आनंद है। इन अखाड़ों को केवल मात्र एक ही उद्देश्य से बनाया जाता था और वह है हिंदू मंदिरों की रक्षा और अन्य धर्म के आक्रमणकारियों से उनका बचाव करना।

निरंजनी अखाड़ा

जूना अखाड़ा इनमें सबसे बड़ा है और इसके बाद निरंजनी और महानिर्वाणी अखाड़े का नंबर आता है। इनके अध्यक्ष को श्री महंत और अखाड़ों के प्रमुख आचार्य को महामंडलेश्वर के रूप में जाना जाता है। निरंजनी अखाड़े का मुख्यालय तीर्थराज प्रयाग में ही है। इसके अलावा उज्जैन, हरिद्वार, त्रयंबकेश्वर व उदयपुर में अखाड़े के आश्रम बने हुए हैं।

Home / Hot On Web / कुंभ में साधुओं के इस अखाड़े में कोई हैं प्रोफेसर तो कोई डॉक्टर, उच्च शिक्षित संतों का यह अखाड़ा बना आकर्षण का क्रेंद्र

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो