इस शख्स का जन्म महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में हुआ था। परिवार की आर्थिक स्थिति सही न होने के बावजूद उनके माता—पिता ने उन्हें पढ़ा—लिखाकर काबिल बनाया। उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने अपना एक व्यापार शुरू किया। अपनी मेहनत के बल पर उन्होंने बिजनेस में सफलता हासिल की। मगर जिंदगी ने दोबारा ऐसी करवट ली जिससे वो दोबारा फर्श पर आ गए।
ऐसे मुश्किल हालात में महाराष्ट्र के इस शख्स ने हार नहीं मानी और नौकरी तलाशने लगे। तब उन्हें एक वॉचमैन की जॉब मिली। पहले तो उन्हें ये नौकरी करने में शर्म आ रही थी, क्योंकि वो एक इंजीनियर और व्यापारी रह चुके हैं। मगर परिवार की भलाई के लिए उन्होंने ये जॉब कर ली। घरवालों ने भी उन्हें काफी सपोर्ट किया। उनकी बेटी घर के हालात को ठीक करने के लिए ट्यूशन पढ़ाने लगीं। ऐसे में अब इस शख्स को अपने वॉचमैन की नौकरी छोटी नहीं लगती है। बल्कि उनका मानना है कि दुनिया में कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है।