कोलकाता के इस हिस्ट्री टीचर (Teacher) का नाम सुब्रत है। वह पश्चिम बंगाल के दो शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाते हैं। लॉकडाउन की घोषणा के वक्त सुब्रत पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में अपने गांव अहांदा में थे। उन्होंने अपना फर्ज निभाने के लिए पेड़ पर ही अपना डेरा जमा लिया। वह रोज पेड़ पर चढ़कर स्टूडेंट्स की क्लास लेते हैं। 35 साल के सुब्रत पाती ने एक नीम के पेड़ पर मचान बनाकर अपना क्लास बनाया है। सुब्रत का कहना है कि उन्हें आनलाइन क्लास लेनी थी, लेकिन गांव में ठीक से नेटवर्क नहीं थे। इसलिए उन्होंने पेड़ पर चढ़कर देखा तो सिगनल मिलने लगे। तभी उन्होंने वहां से क्लास लेनी शुरू कर दी।
सुब्रत रोज क्लास के टाइम पेड़ की शाखाओं के बीच फंसे लकड़ी के प्लेटफॉर्म पर चढ़कर बैठ जाते हैं। घंटों एक जगह धूप में बैठने पर उन्हें तकलीफ तो हो रही है, लेकिन स्टूडेंट्स के अच्छे रिस्पांस की वजह से उनका जोश बरकरार है। उनका कहना है कि ‘मेरी क्लास में बच्चों की अटेंडेंस भी अच्छी रहती है, इससे मेरा कॉन्फिडेंस और बढ़ता है. इसलिए मैं नहीं चाहता कि उनकी पढ़ाई में कोई समस्या आए।