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दरअसल, कॉमोडोर बत्रा ने सूचना का अधिकार यानि RTI के जरिए एयर इंडिया ( Air India ) की बकाया राशि जानने के लिए नवीनतम जानकारी मांगी थी। इसके बाद जानकारी दी गई कि 30 नवंबर तक अतिविशिष्ट लोगों यानि वीवीआइपी की चार्टर फ्लाइटों पर 822 करोड़ रुपये का बकाया था। यही नहीं इसके अलावा राहत एवं बचाव में विशेष विमानों के प्रयोग के लिए 9.67 करोड़ रुपये तथा विदेशी मेहमानों की फ्लाइटों के मद में 12.65 करोड़ रुपये बकाया है। एयर इंडिया वीवीआइपी चार्टर फ्लाइट के तहत राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और पीएम को विशेष विमान उपलब्ध कराती है, जिसका भुगतान मंत्रालय करते हैं।
गौरतलब, है कि नागर विमानन मंत्रायलय ने 5 दिसंबर 2019 को एक जवाब में बताया था कि एयर इंडिया 8,556.35 करोड़ रुपये के घाटे में है। इस घाटे के पीछे उच्च ब्याज दर पर कर्ज, प्रतिस्पर्धा, भारतीय रुपये के कमजोर होने के कारण विनिमय दर प्रभावित होना और उच्च परिचालन लागत की वजह को बताया। वहीं सिरफ् वीवीआइपी चार्टर फ्लाइट ही नहीं बल्कि, सरकारी अधिकारियों की यात्रा पर भी एयर इंडिया की बड़ी राशि भुगतान के लिए लंबित है।