धारदार चाकुओं से होता है दुनिया का सबसे खतरनाक Body Massage, लगती है लोगों की भीड़
जी हां, अमेरिका ने 1940 के दशक में एक प्रयोग शुरू किया था। इस प्रयोग में चमगादड़ों पर बम (Bat bomb) बांध दिए जाते थे। जैसे ही बम का कनस्तर गिराया जाता हजारों छोटे चमगादड़ नैपैम को लिए उड़ते और नीचे किसी इमारत पर बैठते। योजना थी एक ही शहर में एक साथ कई जगह आगजनी करने की जाए।कैसे हुई थी शुरूआत?
चमगादड़ बम की शुरुआत 7 दिसंबर 1941 को अमेरिका के डेंटिस्ट लिटिल एस. एडम्स (Little S Adam’s) ने की थी। दरअसल, एडम्स छुट्टियां मनाने अमेरिका न्यू मेक्सिको के Carlsbad Caverns National Park गए हुए थे। यहीं पर उन्होंने रेडियो पर खबर सुनी कि जापानियों ने अमेरिका की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक पर्ल हार्बर को तबाह कर दिया है। इस खबर ने एडम्स को गुस्से से भर दिया।इस खबर को सुनने के बाद एडम्स ने जापान पर चमगादड़ बम गिराने का आइडिया आया ।हो गई गड़बड़
सारा प्लान तैयार था लेकिन तभी गड़बड़ हो गई। दरअसल, गलती से बम लगे कुछ चमगादड़ सेना की गिरफ्त से छूट गए और ये फ्यूअल टैंक के पास पहुंच गए। मिलिट्री को ये महसूस हुआ कि ये ऑपरेशन देश को भी खतरे में डाल सकता है। जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया।