मालूम हो कि बकरीद के मौके पर देश के कई जगहों में बकरों की मंडी लगती है। जहा अलग-अलग राज्यों के पशु पालक अपनी बकरियों की नीलामी के लिए आते थे। हर साल मलेरकोटला में सबसे बड़ी बकरा मंडी लगती थी जहां राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल से लोग आते थे। मगर इस पर कोरोना महामारी के चलते ये मेला आयोजित नहीं किया गया। इसलिए गौरतलब है कि पंजाब के शेर खान बकरे की डिमांड अभी तक सबसे ज्यादा है। डेढ़ साल के इस बकरे को खरीदने के लिए ग्राहक तीन लाख रुपए तक चुकाने को तैयार है।
बकरे के मालिक का कहना है कि जब शेर खान 2 महीने का था उनको उसी समय पता चल गया था कि यह बेहद खास है। क्योंकि इसके कान के नीचे अरबी भाषा में अल्लाह लिखा हुआ है। अगर यही चीज बकरे के माथे, गले या शरीर लिखा होता तो उसकी कीमत और बढ़ जाती। चूंकि बकरीद के मौके पर दी जाने वाली कुर्बानी के लिए ऐसे बकरों की खास डिमांड रहती है। इसलिए वे इसे 5 लाख रुपए से कम कीमत पर नहीं बेचना चाहते हैं। अभी तक ग्राहक इसे खरीदने में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।