साल 2015 में बॉलीवुड की Talvar तलवार फिल्म बनी। हत्याकांड की तरह यह फिल्म भी अंत तक आरुषि के हत्यारों तक नहीं पहुंच पाती है। असल में इस हत्या की असली कहानी 15 रात से-16 मई के बीच में छिपी हुई है। आरुषि हत्याकांड भारत वह हत्याकांड है जिसपर खुले आम पुलिस प्रशासन के साथ हमारी न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाया गया। हैरान करने वाली बात यह है कि यह हत्याकांड उस समय हुआ जब आरुषि के माता-पिता दोनों ही अपने फ्लैट में मौजूद थे। आरुषि के पिता का दावा था कि नौकर हेमराज ने ही उनकी बेटी की हत्या की है। लेकिन दो दिन बाद जब छत से हेमराज का शव मिला तो पूरी कहानी ही पलट गई।
इस हत्याकांड ने हर बार अलग-अलग मोड़ लिए। आरुषि और हेमराज की हत्या करने का इलज़ाम आरुषि के माता-पिता के साथ नौकर हेमराज के साथियों पर भी लगाया गया। 26 नवंबर 2013 को विशेष सीबीआई अदालत ने आरुषि-हेमराज के दोहरे हत्याकांड में राजेश और नूपुर तलवार को आईपीसी की धारा 302/34 के तहत उम्रक़ैद की सजा सुनाई। लेकिन 12 अक्टूबर 2017 को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आरुषि के माता-पिता को निर्दोष करार दे दिया गया और वे जेल से रिहा हो गए।