बताया जाता है कि सन 1800 में नेपोलियन बोनापार्ट के सैनिकों का निमोनिया ठीक हुआ था। नेपोलियन की सेना ने यहां कैंप लगाया था। गांव वालों का मानना है कि यहां के कुओं से निकलने वाले पानी से जब नेपोलियन सेना ठीक हो सकती है तो कोरोना का असर उन पर नहीं हो सकता है। इसीलिए वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इसके अलावा गांव का वातावरण भी काफी साफ है। यहां की हवा में पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन है। इसीलिए यहां रहने वाले लोगों की इम्यून पावर ज्यादा अच्छी है।
मालूम हो कि तुरीन शहर में कोरोना के 3600 से ज्यादा मामले सामने आएं है। इसी तरह पियोदमॉन्ट की हालत भी खराब है। यहां 8200 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके है, लेकिन इन सबके बीच मोंताल्दो तोरीनीज में एक भी केस का न मिलना काफी हैराना करने वाला है। हालांकि गांव के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए यहां भी जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। जिसमें लोगों को मास्क और सैनेटाइजर बांटे जा रहे हैं।