इस जीव का नाम हॉर्सशू क्रैब ( Horseshoe Crab ) है। यह जीव 45 करोड़ साल से अमेरिका और साउथ एशिया ( South Asia ) के तटों पर पाए जाते हैं। इनकी एक लीटर खून ( Horseshoe Crab Blood Colour ) की कीमत 11 लाख रुपये है। बता दें कि हॉर्सशू क्रैब के नीले खून से वैक्सीन, दवाएं और स्टराइल लिक्विड्स बनते हैं।
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हॉर्सशू क्रैब के खून से बनेगी कोरोना वैक्सीन
बता दें कि हॉर्सशू क्रैब का खून कोविड-19 की वैक्सीन डेवलप करने के काम लिया जा रहा है। इनका नीला खून ये सुनिश्चित करने में मदद करता है कि कहीं ड्रग में कोई खतरनाक बैक्टीरिया तो नहीं है। दवा कंपनियों का मानना है कि हॉर्सशू क्रैब में लिमुलस अमीबोसाइट लाइसेट (limulus amebocyte lysate) नाम का तत्व होता है, जो शरीर में एंडोटॉक्सिन (endotoxin) नाम का बुरा रासायनिक तत्व खोजता है।
कहां मिलते हैं हॉर्सशू क्रैब
रिपोर्ट के अनुसार, अटलांटिक, हिंद और प्रशांत महासागर में हॉर्सशू क्रैब पाए जाते हैं, लेकिन हाई टाइड में यह समुद्र की सतह तक आ जाते हैं। इनके नीले खून की अंतरराष्ट्रीय बाजार में 11 लाख रुपये है। हॉर्स शू केकड़े के खून का इस्तेमाल साल 1970 से वैज्ञानिक कर रहे हैं।
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दिल से निकलता है खून
हॉर्स शू केकड़ों का खून उनके दिल के पास छेद करके निकाला जाता है। एक केकड़े से 30 फीसदी खून निकाला जाता है, उसके बाद फिर उन्हें वापस समंदर में छोड़ दिया जाता है। 10 से 30% केकड़े खून निकालने की प्रक्रिया में मर जाते हैं। बता दें कि स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी लोंजा ने अपने कोविड-19 वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए तैयारी कर रही है। वहीं, अमेरिका में ट्रायल करने के लिए दवा कंपनी को भारी मात्रा में लिमुलस अमीबोसाइट लाइसेट की जरूरत पड़ेगी।