मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आगरा के न्यू विजय नगर कॉलोनी के नगला धनी क्षेत्र निवासी देवकीनंदन त्यागी की पत्नी ममता काफी समय से बीमार चल रही थी। बुधवार सुबह ममता की मौत हो गई। रिश्तेदार और आस-पड़ोस के लोगों को जब इसकी जानकारी मिली तो शोक प्रकट करने देवकीनंदन के घर पहुंचने लगे। वहीं, लॉकडाउन के दौरान किसी के निधन पर 20 लोगों के शामिल होने की छूट थी।
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ऐसे में असमंजस की स्थिति बन गई। देवकीनंदन और उसके परिवार के लोग विलाप कर रहे थे। सभी लोग अंतिम यात्रा में जाने के लिए खड़े थे। जब देवकीनंदन को इसका पता चला तो वह बाहर आया सबको वापस लौट जाने को कहा।
आपको परेशानी में नहीं डाल सकता
देवकीनंदन ने लोगों से कहा कि वह ममता को तो वापस नहीं ला सकता। लेकिन, आपको परेशानी में नहीं डाल सकता। उन्होंने कहा कि वह सभी की भावनाओं को समझते है। परंतु, परिस्थिति ऐसी बनी हुई है। उसने अंतिम यात्रा में 10 लोगों के शामिल होने की बात कही और बाकी सभी से वापस लौट जाने का निवेदन किया। इसके बाद 10 लोग ही अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
बेटा नहीं कर सका अंतिम दर्शन
लॉकडाउन के चलते ममता का बड़ा बेटा दीपक अपनी मां के दर्शन नहीं कर सका। बता दें कि दीपक मर्चेंट नेवी में तैनात है। देवकीनंदन के इस फैसले से उन लोगों को सीख लेने की जरूरत है जो लॉकडाउन के दौरान बेमतलब घरों से बाहर निकलते है।