Coronavirus : अमेरिका के येल यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल के वैज्ञानिक ने कोरोना को लेकर दी नई चेतावनी
एक अन्य रिसर्च के मुताबिक वायरस के पूरी तरह से खत्म न होने पर खतरा बढ़ जाता है
Coronavirus
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसने अपनी चपेट में हजारों लोगों को ले लिया है। इससे बचने के लिए संक्रमित (Infected) लोगों को क्वारंटीन में रखा जाता है। कई लोग इलाज के दौरान इस खतरनाक बीमारी से ठीक भी हो गए है, लेकिन डॉक्टरों ने इस मसले पर एक नई चेतावनी दी है। उनके मुताबिक रोगी के स्वस्थ हो जाने के बावजूद कोरोना का वायरस उनके शरीर में मरता नहीं है, बल्कि ये 8 दिनों तक जिंदा (Alive) रहता है।
इस बात का खुलासा अमेरिका के येल यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल के वैज्ञानिक लोकेश शर्मा ने किया है। उन्होंने बताया कि अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना वायरस से पीड़ित आधे मरीज जिनमें कोरोना के सामान्य लक्षण थे, उनके ठीक हो जाने के बाद भी शरीर में ये वायरस आठ दिन तक जिंदा मिले। ऐसा ही दावा अमेरिकल जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित शोध में भी किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक वायरस के जिंदा रहने के चलते इसे फैलने से रोकना मुश्किल हो रहा है। वैज्ञानिकों ने ये शोध कोरोना पीड़ित सोलह मरीजों पर किया था। जिनका इलाज 28 जनवरी से 9 फरवरी के बीच चला। सभी मरीजों के स्वैब का सैंपल एक-एक दिन के अंतराल पर गले से लिया गया था। इसमें पाया गया कि जो मरीज अस्पताल से निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद डिस्चार्ज हो गए उनमें भी कई दिनों तक वायरस रहा। ऐसे में वायरस से गंभीर लक्षण आने में समय लगता है। ऐसे में डॉक्टरों ने क्वारंटीन का समय दो हफ्ते के लिए और बढ़ाएं जाने की बात कही है।नेगेटिव रिपोर्ट आने के बावजूद शरीर में 8 दिनों तक जिंदा रहता है कोरोना वायरस