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दिल्ली ने एक साल में खोए अपने तीन मुख्यमंत्री, जानें उनका राजनीतिक सफर

सुषमा स्वराज ने एम्स में ली अंतिम सांसें ( Sushma Swaraj Passes Away )
शीला दीक्षित का इसी साल जुलाई में हुआ निधन
मदन लाल खुराना का पीछले साल अक्टूबर में हुआ देहांत

नई दिल्लीAug 07, 2019 / 05:36 pm

Shivani Singh

sushma
नई दिल्ली। बीजेपी की कद्दावर नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ( Susham Swaraj news ) का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांसें ली। सुषमा के निधन के साथ ही देश ने पिछले एक साल से भी कम समय में अपने तीन बड़े नेताओं को खो दिया। इन बड़े नेताओं का जाना राजनीति में बड़ी क्षति माना जा रहा है। आइए जानते हैं इन तीनों नेताओं के राजनीतिक सफर के बारे में-
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सुषमा स्वराज ( Susham Swaraj )

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सुषमा स्वराज का जन्म 1952 में हरियाणा के अंबाला में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1970 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी। सुषमा को 25 साल की उम्र में युवा कैबिनेट मंत्री बनने का गौरव भी हासिल था। वे अंबाला से दो बार विधायक चुनी गईं थी। बीजेपी-लोकदल सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहीं।

सुषमा को 1990 में राज्यसभा का सदस्य चुना गया। उन्होंने 1996 में दक्षिण दिल्ली से लोकसभा चुनाव जीता। सुषमा स्वराज ( sushma swaraj dies ) 12 अक्तूबर 1998 को दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल 2014 में उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया। 2019 में खराब सेहत का हवाला देते हुए उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा।

शीला दीक्षित

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15 साल दिल्ली पर राज करने वाली दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ( Sheila Dikshit ) साल 1984 से 1989 तक उत्तर प्रदेश के कन्नौज से लोकसभा सदस्य रहीं। इसके बाद उन्होंने 1986 से 1989 के दौरान केंद्रीय मंत्री के रूप में काम किया। शीला दीक्षित साल 1998 में सुषमा स्वराज को हराकर दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं।उनके हाथों में 15 साल दिल्ली की सत्ता रही।
लेकिन साल 2015 में आम आदमी पार्टी के हाथों उन्हें करारी हार मिली। साल 2014 में उन्हें केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। लेकिन कुछ महीनों बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। फिर उन्होंने लोकसभा चुनाव में दिल्ली से चुनाव लड़ा। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसी साल जुलाई में शीला दीक्षित का देहांत हो गया।
मदन लाल खुराना

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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना ( madan lal khurana dies ) ने छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्हें 1959 में पहली बार इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का जनरल सेक्रेटरी चुना गया था। इसके बाद उन्हें 1960 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का जनरल सेक्रेटरी बनाया गया। बता दें कि राजनीति में आने से पहले खुराना शिक्षक भी रहे थे।

उन्होंने विजय कुमार मल्होत्रा व अन्य नेताओं के साथ मिलकर दिल्ली में जनसंघ के केंद्र की स्थापना की थी। जिसे अब बीजेपी के रूप में जाना जाता है। खुराना को 1993 में दिल्ली का मुख्यमंत्री चुना गया। लेकिन साल 1996 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वे 2004 तक राजस्थान के राज्यपाल भी रहे थें। मदन लाल खुराना का पिछले साल अक्टूबर में निधन हो गया।

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