क्या हुआ था ऐसा
जब-जब जुबान पर एक्टर प्राण का नाम आता है, तब-तब नजरों के सामने एक दमदार अभिनय से भरा चेहरा नजर आता है। बॉलीवुड ( Bollywood ) में प्राण एक ऐसे खलनायक थे जिन्होंने 50 और 70 के दशक के बीच फिल्म इंडस्ट्री पर खलनायकी के क्षेत्र में एकछत्र राज किया और अपने अभिनय का लोहा मनवाया। बात साल 1958 की है जब प्रदर्शित फिल्म ‘अदालत’ में प्राण ने इतने खतरनाक तरीके से अभिनय किया कि महिलाएं ( women ) हॉल से भाग खड़ी हुईं और जो लोग वहां बचे उनके पसीने छूट गए। प्राण को उनके करियर के शिखर काल में कभी फिल्म के नायक से भी ज्यादा भुगतान किया जाता था। फिल्म ‘डॉन’ में काम करने के लिए उन्हें सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ( Amitabh Bachchan ) से ज्यादा रकम मिली थी।
बड़े होकर बनना चाहते थे फोटोग्राफर
बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि प्राण बड़े होकर एक फोटोग्राफर ( photographer ) बनना चाहते थे और इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने दिल्ली की एक कंपनी ‘ए दास एंड कंपनी’ में अप्रेंटिस भी की। 1940 में लेखक मोहम्मद वली ने जब पान की दुकान पर प्राण को खड़े देखा तो पहली नजर में ही उन्होंने अपनी पंजाबी फ़िल्म ‘यमला जट’ के लिए उन्हें साइन कर लिया। हिंदी फिल्मों में उन्हें पहला ब्रेक साल 1942 में फिल्म ‘खानदान’ से मिला। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और हमेशा ही तरकी की सीढ़ियां चढ़ते गए।