जब लाए थे संजीवनी बूटी
भगवान राम ( Bhagwan Ram ) की सेना रावण से युद्ध लड़ रही थी तब मेघानाद द्वारा चलाए गऐ शक्ति बाण से लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे। तब वैद्य सुषेण वैद्य के बताए अनुसार हनुमान जी द्रोणगिरि पर्वत को उठा लाए थे। जिसके बाद संजीवनी से लक्ष्मण के प्राण बच गए थे।
हनुमान जयंतीः आज शाम अपने घर पर ही करें ये उपाय
हनुमान जयंती पर ऐसे पढ़ें श्री हनुमान चालीसा, होने लगेगी धन वैभव की प्राप्ति
जीवन में उतारें हनुमान जी की सीख
तालमेल बैठाइए: हनुमानजी ने श्री राम और सुग्रीव की मैत्री कराई थी। इससे माता सीता की खोज व श्रीराम की विजय सुनिश्चित हुई। आज ऐसा ही दौर है, इस चुनौती को तालमेल बैठाकर ही पूर कर पाएंगे।
चेतावनी समझिए: सुग्रीव राज्याभिषेक के बाद रामजी का काम भूल गए तो जब हनुमानजी ने इस चूक को ठीक किया था। चेतावनी देकर। लॉकडाउन ( Lockdown ) में सरकार के नियमों का पालन करें। घर ही रहें और सुरक्षित रहें।
सही रास्ता चुनिए: विभीषण लंका में छटपटा रहे थे। हनुमानजी ने उनको सही रास्ता दिखाया। हम भी घरों में छटपटा रहे हैं। लेकिन, भरोखा रखें हनुमान जी की तरह सरकार भी सही रास्ता दिखाएंगी।
भरोसा: सीताजी रावण की कैद में थी। इसी तरह आज हम घरों में कैद है। सोशल डिस्टेंसिंग को हनुमानजी की दृष्टि से देखें। उन्होंने सीता जी से कहा था— आप भरोसा रखें, श्रीराम जरूर आएंगे।
संजीवनी बूटी लाएंगे: संजीवनी बूटी लाकर हनुमानजी ने लक्ष्मण के प्राण बचाएं थे। विश्वास रखें, कोरोना की भी संजीवनी बूटी आएंगी।