नई दिल्ली। भारत के अधिकांश हिस्सों में मौसम का मिजाज बीते दिनों से बेहद खतरनाक बना हुआ था। धूल भरी आंधी व तूफान की वजह से कई शहरों में आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। रविवार को देश के कई हिस्सों में आई आंधी-तूफान ने कई लोगों की जान ले ली। कई राज्यों में तूफान-आंधी और बारिश ने जमकर कहर बरपाया। लगभग 6 राज्यों में 41 लोगों की मौत हो गई, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और दिल्ली में 30 से ज्यादा लोगों की जानें चली गईं। जबकि कई घायल हैं। दिल्ली-एनसीआर और आस पास के इलाकों में 109 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी-तूफान ने दस्तक दी। इसका असर यह हुआ कि दिल्ली-कानपुर हाईवे पर खड़ी कई गाड़ियां पलट गई। यही नहीं, उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ में कई जगह तो हाईटेंशन टावर तक मुड़ गए। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को भी राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तराखंड के कुछ इलाकों में आंधी-तूफान के साथ बारिश हो सकती है।
वहीँ, खराब मौसम के कारण दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 40 से अधिक उड़ानों को डायवर्ट किया गया वहीं, महाराष्ट्र के विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, तेलंगाना, आंध्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुड्डुचेरी, लक्षद्वीप और केरल में भी आंधी-तूफान व बारिश होगी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि हरियाणा में तीन दिन से 44 से 45 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हो रहा था। इससे 20 हजार फुट की ऊंचाई तक गर्म हवा ऊपर उठ रही थी और वातावरण में 90 प्रतिशत तक नमी हो गई थी। यह नमी भी गर्म हवाओं के साथ ऊपर पहुंच गई। इससे हरियाणा में लोकल वेदर (चक्रवाती हवा) सिस्टम बन गया. यह शनिवार रात से ही एक्टिव हो गया था। इसी से दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में तेज रफ्तार से आंधी-तूफान के साथ बारिश हुई। बिजली गिरने से कोलकाता में 8 लोगों की मौत, 8 में से 4 बच्चे थे।
आपको बता दें, मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार को ही उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में आंधी और तूफान की चेतावनी जारी की थी। मौसम विभाग ने राजस्थान के कई हिस्सों में अगले दो दिनों में धूल भरी आंधी आने का अलर्ट जारी किया था। लेकिन दिल्ली में साढ़े चार बजे 109 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी-तूफान ने दस्तक दी। इससे मेट्रो, ट्रेन, प्लेन और सड़क यातायात सभी थम गए। कई जगह पेड़, छत और दीवारें गिर गईं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1983 में मानसून सीजन के दौरान 151 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली थी. नेशनल एयरोनॉटिकल लेबोरेटरी और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंसेज बेंगलुरू की द विंड एनवायर्नमेंट इन इंडिया की रिपोर्ट में यह दर्ज हुआ था। हालांकि मौसम में इस बदलाव से लोगों को राहत भी महसूस हुई।
Home / Hot On Web / आंधी-तूफान का कहर कहीं पलट गईं खड़ी गाड़ियां, कहीं ढह गई दीवारें, मौसम ने किया था ऐसा तांडव