नई दिल्ली। होली (Holi) का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए जाना जाता है। छोटी होली को होलिका दहन किया जाता है। इस बार यह 9 मार्च को है। मान्यता है कि इस दिन बुराईयों का खात्मा होता है। साथ ही वातावरण भी शुद्ध होता है। होलिका दहन के पीछे धार्मिक मान्यताएं भी छिपी है, लेकिन होलिका दहन (Holika Dahan) का क्या है सही तरीका और कैसे इसे अपने परिवार के लिए खुशहाल बना सकते हैं आइए जानते हैं।
भूख मिटाने के लिए कचरे से उठाई रोटी को धोकर खाता शख्स, वीडियो हुआ वायरलहिरण्यकश्यप का घमंड हुआ था चूर फाल्गुन शुक्ल की चतुर्दशी को होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक पुराणों के अनुसार राजा हिरण्यकश्यप के घमंड को चूर करने और अपने भक्त की रक्षा के भगवान विष्णु ने नरसिंहृ का अवतार लिया था। हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को मारने के लिए उसे अपनी बहन होलिका के हवाले कर दिया था। चूंकि होलिका को भस्म न होने का वरदान मिला था। इसलिए वो प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठी थी, लेकिन भगवान की कृपा से प्रहलाद सुरक्षित रहा। मगर होलिका जलकर स्वाहा हो गई। इसलिए दुराचार के खात्मे के लिए होलिका दहन किया जाता है।
बुरे साये से बचने का अचूक उपाय होली की पूजा करते समय उसमें भुना हुआ धान्य या अनाज डाला जाता है। संस्कृत में इसे होलका कहते हैं। अनाज के इन ढ़ेर से होने वाले हवन के बाद इसकी राख को माथे पर लगाना शुभ माना जाता है। कहते हैं इससे व्यक्ति पर बुरा साया नहीं पड़ता है। साथ ही घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
40 दिन पहले से शुरू हो जाती हैं तैयारियां होलिका दहन की तैयारी लगभग 40 दिन पहले शुरू हो जाती हैं। होलिका दहन का कार्यक्रम फाल्गुन पूर्णिमा की संध्या को होता है। इस दौरान रक्षोगण के मंत्रो का उच्चारण किया जाता है। माना जाता है कि जैसे होलिका दहन से सारी बुराइयां मिट जाती हैं, वैसे ही दुखों का भी नाश होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार होलिका दहन के लिए सूखी टहनियों और तिनकों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसमें गोबर के उपले डालने से वातावरण सकारात्मक बनता है।
होलिका दहन के समय करें ये काम होलिका दहन उस दिन करना चाहिए जब सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्तों में पूर्णिमा तिथि पड़े। होली के पूजन में नारियल और गेंहू की बालियां चढ़ाना शुभ माना जाता है। होलिका दहन के समय 5 या 7 गोमती चक्र को अपने ऊपर से उतारकर होलिका में डालें। अब दहन के बाद राख को चांदी की डिबिया में भरकर घर की तिजोरी में रख दें, इससे धन की वृद्धि होगी।
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