होलिका की धधकती ज्वाला को पार किया ये पुजारी, नहीं लगी शरीर में थोड़ी भी आग
दरअसल, मध्यप्रदेश में भील जनजाति में होली का त्योहार अनोखे अंदाज में मनाया जाता है।यहां के आदिवासी अलग तरीके से इस त्योहार को मनाते हैं। होली (Holi) वाले दिन राज्य के कई गांव में मेले का आयोजन किया जाता है। जिसे लोग हाट कहते हैं। गांव के लोग हाट में अपने लिए जीवनसाथी ढूंढने आते हैं। बताया जाता है कि बाजार में अगर किसी लड़के को कोई लड़की पसंद आ जाती है तो वे उसे गुलाल लगा देते हैं। इसके बाद अगर लड़की भी पलट कर उस लड़के को गुलाल लगा देती है तो दोनों की रजामंदी मान ली जाती है। इसके बाद दोनों भाग कर शादी रचा लेते हैं। भील जनजातियों में ये परंपरा सालों से चलती आ रही है।
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बता दें कि गांव के लड़के-लड़कियां पूरे साल इस पर्व का इंतजार करते हैं। इस दौरान भील समुदाय के लोग कहीं भी हों वो घर वापस जरूर आते हैं। होली के वालें दिन गांव में एक दिलचस्प प्रकार गोल गधेड़ो लोक नृत्य भी आयोजित होता है। जिसमें गांव के लोग जमकर नाचते हैं।