2006 से कर रही थी इसी कंपनी में काम
मैरी जीन नाम की यह महिला अमरीका के मियामी में एक काफ़ी पॉपुलर होटल में बर्तन धोने का काम करती थी। यह काम वो अप्रैल 2006 से करती आ रही थी। पहले तो सब ठीक चलता रहा। मैरी हफ्ते में 6 दिन काम करती और रविवार को उसकी छुट्टी रहती। रविवार को छुट्टी लेने का कारण यह था कि हर संडे को वह चर्च जाती थी। इस बारे में उसने नौकरी के करने के दौरान अपने मालिकों को भी बता दिया था। लेकिन बाद में उसे संड़े को आने के लिए विवश किया जाने लगा। कुछ सालों तक मैरी अपने साथ काम करने वाले लोगों के साथ शिफ्ट चेंज करके चर्च जाती रहीं।
कंपनी ने 2016 में निकाल दिया था नौकरी से
जब दिक्कतें बढ़ी तो मैरी ने अपनी धार्मिक मजबूरी बताते हुए अपने मैनेजर को खत लिखा लेकिन बात नहीं बनी। मैरी को 2016 में नौकरी से निकाल दिया गया। ऐसे में मैरी ने कोर्ट की शरण ली और कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई कि कोई भी कंपनी धर्म के आधार पर अपने कर्मचारियों से भेदभाव नहीं कर सकती है। पिछले हफ्ते कोर्ट ने मैरी के पक्ष में फैसला सुनाया। हालांकि सोशल मीडिया में लोगों का मानना है कि धर्म को काम से नहीं जोड़ना चाहिए। तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि कंपनी को अपने कर्मचारियों की जरूरतों और उनकी मांगों का ख्याल रखना चाहिए।