यह दुनिया का इकलौता ऐसा देश है, जहां तलाक (Divorce) लेने की कोई व्यवस्था नहीं है। कहा जाता है कि पोप फ्रांसिस (Pope Francis) साल 2015 में फिलीपींस (Philippines) गए थे, तब वहां के धर्मगुरुओं से अपील की थी कि जो लोग तलाक लेना चाहते हैं, उनके प्रति सहानुभूति का नजरिया रखना चाहिए। मगर फिलीपींस में ‘तलाकशुदा कैथोलिक’ होना अपमानजनक समझा जाता है। फिलीपींस में तलाक को वैध बनाने वाला बिल होने के बावजूद राष्ट्रपति (President) बेनिनो एक्विनो के समर्थन के बिना इसे कानून के तौर पर मान्यता नहीं मिल सकती है। हालांकि तलाक लेने को लेकर एक एक शर्त रखी गई थी कि अगर पति-पत्नी में से कोई एडल्टरी (Adultery) करते पाया जाएगा तभी वे एक—दूसरे से अलग हो सकते हैं।
फिलीपींस में तलाक न लेने का प्रतिबंध सिर्फ ईसाइयों पर है। जबकि मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए उनका अलग नियम है। वहां रह रहे 6 से 7 फीसदी मुस्लिम आबादी अपने पर्सनल लॉ (Muslim Personal Law) के मुताबिक तलाक ले सकती है। मालूम हो कि द्वितीय विश्वयुद्ध के समय जब फिलीपींस पर जापान (Japan) का कब्जा हुआ तो उस समय भी तलाक के लिए एक नया कानून (Divorce Law) बनाया गया। मगर साल 1944 में अमेरिका (America) के फिलीपींस पर दोबारा कब्जा करने पर फिर से पुराना तलाक कानून (Divorce Law) लागू कर दिया गया।