कार्यों आ रही में रुकावट दूर करने के लिए
हनुमानजी को मंगलवार और शनिवार के दिन डंठल वाला पान का पत्ता और लड्डू चढ़ाने से रुके कार्य पूर्ण होते हैं। लगातार सात शनिवार यह उपाय करना चाहिए। इस उपाय से बड़ी समस्या भी हल हो जाती है। कुंडली में शनि या राहू जैसे ग्रह प्रतिकूल असर दे रहे हैं तो इस उपाय से वो भी अनुकूल होने लगते हैं।
अगर कोई काम बहुत लंबे समय से अटका हुआ है और बहुत से प्रयास के बाद भी नहीं हो रहा है तो रविवार को एक पान का पत्ता लेकर घर से बाहर निकलें, आपके सभी कार्य बनते चले जाएंगे और सफलता प्राप्त होगी।
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए
मंगलवार, शनिवार या हनुमानजयंति के दिन एक पान में कत्था, गुलकंद, सौंफ, खोपरे का बूरा और कतरी हुई सुमन डलवा कर बीड़ा बनवा लेना चाहिए। इस पान में चूना, सुपारी तथा तंबाकू का हाथ भी नहीं लगना चाहिए। इसके बाद हनुमानजी की विधि-विधान से पूजा कर उन्हें यह पान अर्पित करें तथा उनसे प्रार्थना करें, ‘हे हनुमानजी, आपको मैं यह मीठा रस भरा पान अर्पण कर रहा हूं। इस मीठे पान की तरह आप मेरा जीवन भी मिठास से भर दीजिए’। इस प्रयोग को करने के बाद कुछ ही समय में आपकी बड़ी से बड़ी समस्या दूर हो जाएगी।
व्यापार में चल रही परेशानी के लिए पान के पत्ते का दान करने से सारी समस्याएं हल होती हैं। किसी व्यक्ति को नजर लगने की स्थिति में उस व्यक्ति को पान के पत्ते में गुलाब की सात पत्तियां रख कर खिला दें। उसकी नजर तुरंत उतर जाएगी।
अगर आपको लगता है कि किसी ने तंत्र-मंत्र का प्रयोग कर आपके व्यापार को ठप्प कर दिया है तो आप शनिवार की सुबह पांच पीपल के पत्ते तथा 8 साबुत डंडी वाले पान के पत्ते लें। इन सभी पत्तों को एक ही धागे से पिरोकर दुकान अथवा कार्यस्थल पर पूर्व की ओर बांध दें। ऐसा लगातार पांच शनिवार करें। पुराने पत्तों को किसी कुएं अथवा नदी में बहा दें। इससे दुकान पर किया गया तंत्र-मंत्र निष्फल हो जाएगा और आपका काम फिर से दौड़ने लगेगा।
होली दहन के दिन परिवार के सभी लोगों को एक पान का पत्ता, एक बताशा तथा देसी घी में भिगोई हुई दो लौंग लेकर जलती हुई होली में चढ़ाएं। इसके बाद होली की ग्यारह परिक्रमा कर सूखे नारियल की आहुति दे। इससे उस परिवार के सभी कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
सावन के महीने में पान में कत्था, गुलकंद, सौंफ, खोपरे का बूरा तथा कतरी हुई सुमन डाल कर बीड़ा बनाएं। इसके बाद भगवान शिव की पूजा कर उन्हें भोग चढ़ाने के बाद इस पान को अर्पित करें। इससे आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।
अन्य देवताओं यथा गणेशजी तथा भैरूंजी को भी पान का बीड़ा चढ़ाया जाता है। परन्तु इस उपाय को केवल तंत्र शास्त्रियों तथा गुरु की आज्ञा और उनके मार्गदर्शन में ही करना चाहिए। अन्यथा अच्छे की जगह बुरा भी हो सकता है।
पान का पत्ता बिल्कुल भी कटा, फटा हुआ न हो, बिल्कुल साफ सुथरा तथा डंठल वाला हो। पत्ता किसी कीड़े द्वारा काटा हुआ भी नहीं होना चाहिए।