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इस कपड़े के फैब्रिक को ऊन से ही बनाया गया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक इस्तेमाल किए गए नैनोट्यूब इंसानों के बाल से भी हजार गुना पतले हैं। जैसे ही शरीर का तापमान बढ़ता है या पसीना निकलता है, वैसे ही नैनोट्यूब सिकुड़ जाते हैं जिससे इलेक्ट्रिक चार्ज पैदा होता है और शरीर की गर्मी बाहर निकल जाती है। इस कपड़े के धागे को बहुत बारीकी से बनाया गया है। इसे बनाने में काफी समय लगा है और साथ में मेहनत भी बहुत लगी है। इस फैब्रिक में इस्तेमाल किया गया मेटेरियल पानी को सोखता है। इसे बनाने वाले का कहना है कि इस कपड़े को लोगों के कम्फर्ट के लिए बनाया गया है। इस कपड़े को बनाने के पीछे का कारण यह है कि लोगों को बार-बार कपड़े पहनने या उतारने की जरूरत नहीं होगी। यह वातावरण के हिसाब से ढल जाएगा।