मोबाइल का अधिक इस्तेमाल करने के दौरान हाथ की छोटी अंगुली सबसे अधिक काम में आती है। अंग्रेजी भाषा में इसे पिंकी फिंगर कहा जाता है। इस अंगुली से मोबाइल का अधिक उपयोग होने के कारण अंगुली के जोड़ पर दबाव पड़ता है और आर्थराइटिस की आशंका अधिक हो जाती है। कई देशों में बीते दो माह के दौरान पिंकी सिंड्रोम से ग्रसित लोगों की संख्या में दस फीसदी की दर से इजाफा हुआ है। आर्थराइटिस के लक्षणों का बढऩा इस सिंड्रोम की प्रमुख वजह माना जा रहा है।
विभिन्न रिसर्च के अनुसार पिंकी सिंड्रोम है या नहीं इसका अंदाजा आप स्वयं ही लगा सकते हैं। मोबाइल यूज करने का समय कैलकुलेट करें और एक्सरसाइज या फिर आराम की मुद्रा के दौरान हाथ की अंगुलियों में होने वाले किसी भी दर्द पर ध्यान देने का प्रयास करें। इसके अलावा अंगुली टेढ़ी होना इस सिंड्रोम का प्रमुख लक्षण है। यदि हाथ की अंगुली में किसी भी प्रकार का विकार देखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है।
पिंकी सिंड्रोम से बचाव के लिए जरूरी है कि मोबाइल का उपयोग कम से कम करने की कोशिश करें। रात में सोते समय मोबाइल का उपयोग करना बंद करें, इससे नींद की समस्या नहीं होगी और आंखों पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। यदि किसी से फोन पर ज्यादा बात होती है तो इयरफोन्स का ही इस्तेमाल करें। इससे मोबाइल से दूरी बनी रहेगी। पिंकी सिंड्रोम के खतरे से बचने के लिए हाथों की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें।
स्मार्टफोन के लगातार इस्तेमाल से हाथों, दिमाग और आंखों पर भी असर आता है। मोबाइल की लाइट सीधी आंखों पर पड़ती है, जो नुकसान पहुंचाती है। इससे आंखों में दर्द, ड्राय आई सिंड्रोम और आंखों से पानी आने जैसी समस्याएं होती हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञों की सलाह है कि मोबाइल-गैजेट्स पर काम करते हुए हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फीट की दूरी पर देखें। पानी से आंखें धोते रहें।