प्रबलगढ़ के किले ऐसी जगह पर बना है जहां पर जाने से लोग खौफ खाते है। यहां पर शाम होते ही मौत का साया मंडराने लगता है। इसलिए प्रबलगढ़ के इस किले को भारत के सबसे खतरनाक किलों में गिना जाता है। प्रबलगढ़ का किला 2300 फीट ऊंची खड़ी पहाड़ी पर बना हुआ है। दूर दूर तक यहां पर सिर्फ पहाड़ चट्टान के साथ घने जगंल ही नजर आते है इसलिए इस जगह पर कोई जल्दी जाने का विचार नही करता है। और जो आते भी हैं वह सूरज ढलने से पहले लौट जाते हैं।
ऊंची खड़ी पहाड़ी होने की वजह से शाम ढलते ही यहां डर लगने लगता है। भले ही यह किला अपनी खूबसूरती के लिए भी जाना जाता है लेकिन यहां ना तो बिजली है और ना ही पानी की कोई व्यवस्था है। यहां तक कि किले को बसाने वाले राजा ने किले तक पहुंचने के लिए कई चट्टानों को काटकर सीढ़ियां बनवाई हैं, जो बेहद खतरनाक और डरावनी है। इन सीढ़ियों पर ना ही रस्सियां हैं और ना कोई रेलिंग. इन सीढ़ियों पर चढ़ने में इंसान की हालत खराब हो जाती है। यहां जरा सी चूक हुई नहीं कि आप सीधा 2300 फीट नीचे खाई में जा गिरेंगे। इस वजह से भी लोग यहां अंधेरे में आने से डरते हैं।
इस किले से गिरकर अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। इस किले का नाम पहले मुरंजन किला था, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के राज में इसका नाम बदलकर अपनी रानी कलावंती के नाम पर कलावंती रख दिया था।
इस ऊंचे किले से आप चंदेरी, माथेरान, करनाल और इर्शल किले को देख सकते हैं। मुंबई का भी कुछ हिस्सा इस किले पर चढ़ने के बाद नजर आता है. यहां अक्तूबर महीने से मई महीने तक लोग खूब घूमने आते हैं। बारिश के दिनों में यहां चढ़ना बेहद खतरनाक होता है, इस वजह से यहां बारिश में लोगों का आना बंद हो जाता है।