ये बच्चे बताते हैं कि, इस बदलाव के पीछे की शक्ति का स्रोत निकिता दीदी थी। दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक डिग्री धारण करने वाली द्वारका की निकिता शर्मा (23) बच्चों को भावी नायक के रूप में तैयार कर महत्वपूर्ण बदलाव लाना चाहती थी। अपनी इसी आकांक्षा को लेकर उन्होंने 2017 में ‘टीच फॉर इंडिया’ पहल की शुरुआत की।
जानकारी के लिए बता दें कि, विकासपुरी स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में सातवीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को उनके अधिकारों और दायित्वों के बारे में बताया और उन्हें स्थानीय प्राधिकरणों के सहयोग से बदलाव लाने को प्रेरित किया। शर्मा ने आईएएनएस को बताया, “मैं छात्रों को समस्याओं का समधानकर्ता और सामाजिक बदलाव का नायक बनाना चाहती थी। मैंने समुदाय की भागीदारी की परियोजना शुरू की। मैंने निम्न आय वर्ग के लोगों की समस्याओं को देखकर उनमें बदलाव लाने की ठानी।” विद्यार्थी इस बात से हैरान थे, लेकिन इसे अंजाम देने को लेकर वे रोमांचित भी थे, क्योंकि यह उनके लिए अनोखा कार्य था। वे सरकार के पदानुक्रम के बारे में पढ़ चुके थे, लेकिन सरकारी अधिकारियों से संपर्क करने का उनको असली अनुभव नहीं था। मैं चाहती थी कि वे न सिर्फ पढ़ाई करें, बल्कि सरकार को समझें और यह जानें कि बतौर नागरिक हमें सरकार के साथ समन्वय बनाकर बदलाव लाने का अधिकार है।”