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जब इंदिरा गांधी ने पूछा अंतरिक्ष से कैसा दिखता है भारत, तब राकेश शर्मा ने जो जवाब दिया वो आपका दिल जीत लेगा

Published: Jan 13, 2019 12:17:03 pm

Submitted by:

Vineet Singh

आज राकेश शर्मा 70 साल के हो गए हैं और वो भारत से अंतरिक्ष में जाने वाले प्रथम शख्स हैं। इतनी उम्र के बाद भी राकेश शर्मा ने साल 2014 में एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें फिर से अंतरिक्ष में जाने का मौक़ा मिलेगा तो वो जरूर जाएंगे।

rakesh sharma astronaut

जब इंदिरा गांधी ने पूछा अंतरिक्ष से कैसा दिखता है भारत, तब राकेश शर्मा ने जो जवाब दिया वो आपका दिल जीत लेगा

नई दिल्ली: आज दुनिया के तमाम देश तरक्की की राह पर अग्रसर हैं और भारत भी इनमें से एक है। तकनीक की बात करें तो भारत दुनिया के तमाम देशों को तकनीक के मामले में टक्कर दे रहा है। आपको बता दें कि आज से 25 साल पहले ही भारत अंतरिक्ष में अपने प्रथम शख्स को भेजने का कारनामा कर दिखाया था। यह शख्स थे राकेश शर्मा जिनका आज जन्मदिन है। आज राकेश शर्मा 70 साल के हो गए हैं और वो भारत से अंतरिक्ष में जाने वाले प्रथम शख्स हैं। इतनी उम्र के बाद भी राकेश शर्मा ने साल 2014 में एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें फिर से अंतरिक्ष में जाने का मौक़ा मिलेगा तो वो जरूर जाएंगे। आज इस खबर में हम आपको राकेश शर्मा से जुड़ा एक बेहद ही रोचक किस्सा बताने जा रहे हैं।
राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी, 1949 को पंजाब के पटियाला में हुआ था। आपको बता दें कि राकेश शर्मा की शिक्षा की शुरुआत हैदराबाद के सेंट जॉर्ज ग्रामर स्कूल से हुई थी जिसके बाद उन्होंने है दराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री प्राप्त की। आपको बता दें कि राकेश शर्मा से भी काफी पहले दुनिया के कई अन्य देश अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत कर चुके थे।
आपको बता दें राकेश शर्मा ने जैसे ही अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरारी थी भारत के इतिहास में उनके नाम के भी पन्ने जुड़ गए और उनके इस कदम से दुनियाभर में भारत का नाम रोशन हुआ था। आपको बता दें कि राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में 8 दिन गुज़ारे थे और इन 8 दिनों में उन्होंने वो कारनामा कर दिखाया जिसके लिए आजतक उन्हें याद किया जाता है। इसके बाद वो कज़ाकिस्तान में लैंड हुए थे।
राकेश शर्मा ने साल 1966 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के इंडियन एयर फोर्स को कैडेट के रूप में जॉइन किया था। एनडीए पास करने के बाद वे साल 1970 में भारतीय वायु सेना में बतौर टेस्ट पायलट भर्ती हुए। साल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय राकेश शर्मा ने मिग एअर क्रॉफ्ट से महत्वपूर्ण जीत प्राप्त की, इसके बाद वो साल 1984 में स्क्वाड्रन लीडर के पद पर पहुंच गए। इसके बाद 20 सितम्बर, 1982 को उनका सेलेक्शन भारत के इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च सेंटर) और सोवियत संघ (इन्टरकॉसमॉस) के एक संयुक्त अंतरिक्ष मिशन के लिए हो गया जिससे उन्हें अंतरिक्ष यात्रा पर भेजा जाना था।
इसके बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए सोवियत संघ के कज़ाकिस्तान में स्थित बैकानूर भेजा गया और यहां से वो 3 अप्रैल, 1984 को सोयूज टी-11 अंतरिक्ष यान की मदद से अंतरिक्ष में भेजे गए। यह यात्रा देश और दुनिया के लिए बेहद ही ख़ास थी।
आपको बता दें कि अंतरिक्ष यात्रा के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा से पूछा कि अंतरिक्ष से हमारा भारत कैसा दिखाई देता है तब राकेश शर्मा ने जो जवाब दिया वो किसी भी भारतीय का दिल जीतने के लिए काफी था, इंदिरा गांधी के इस सवाल का जवाब देते हुए राकेश शर्मा ने कहा था कि ‘सारे जहां से अच्छा’। राकेश शर्मा का यह जवाब सुनकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया था। इस अंतरिक्ष यात्रा के लिए भारत सरकार ने भी उन्हें अपने सर्वोच्च शांति अवार्ड अशोक चक्र से सम्मानित किया था।
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