अपने कभी गौर किया है जब किसी को प्यास लगे और पानी न होने पर वह कोई और तरल पदार्थ का सेवन करे तो उसकी प्यास थोड़ी देर के लिए बुझ जाती है।
नई दिल्ली•Jan 16, 2019 / 10:12 am•
Priya Singh
क्यों प्यास लगने पर पानी ही तरफ भागते हैं लोग? जवाब जान लग जाएगी प्यास
नई दिल्ली। इंसान को प्यास तब लगती है जब उसके शरीर को पानी की ज़रुरत होती है। कभी आपने सोचा है कि जब हमें प्यास लगती है तो हम पानी की तरफ ही क्यों भागते हैं। आज हम आपको इस सवाल का जवाब देने जा रहे हैं। अपने कभी गौर किया है जब किसी को प्यास लगे और पानी न होने पर वह कोई और तरल पदार्थ का सेवन करे तो उसकी प्यास थोड़ी देर के लिए बुझ जाती है। फिर कुछ समय बाद उसके दिमाग से प्यास लगने का संकेत आता है। इस संकेत का सीधा मतलब यह होता है कि प्यास बुझाने का काम सिर्फ पानी ही कर सकता है। इसी वजह से पानी पीने की इच्छा को प्यास कहा जाता है। जीवों को प्यास लगने के कारण ही वे अपने शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बनाए रख पाते हैं। जब शरीर में जल की मात्रा एक सीमा से कम हो जाती है तो मस्तिष्क ‘प्यास’ का संकेत करता है।
कई बार हम अपनी प्यास बुझाने के लिए कोई भी ड्रिंक ले लेते हैं जिससे उस समय तक काम चल जाता है। लेकिन कुछ समय बीतने के बाद हमें पानी की ज़रुरत पड़ती ही है। बता दें कि, मस्तिस्क में विशेष प्रकार की कोशिकाएं स्थित होती हैं। इन कोशिकाओं को ‘ओसमोरिसेप्टर’ कहते हैं। हमारे रोज़ के कामों में, जैसे चलने, खेलने यहां तक की सांस लेने में हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में हमारे खोने वाले पानी की मात्रा का संतुलन बनाने के लिए एक अंतराल के बाद हमें पानी पीते रहना चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि मस्तिष्क में मौजूद ओसमोरिसेप्टर हमारे मुंह और गले को संकेत भेजता है कि हम प्यासे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादा देर तक प्यास को नज़रअंदाज़ करने से हमारे शरीर में रक्तदाब की समस्या भी आने लगती है। तो जब भी प्यास लगे उसे पानी से ही बुझाएं किसी और विकल्प से काम चलाना व्यर्थ ही होगा।
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