इस दिन भगवान गणेश की (Sankashti Chaturthi puja vidhi) विधि-विधान से पूजा की जाती है। गणपति को बुद्धि, बल और विवेक का देवता माना जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य (Sankashti Chaturthi puja timing) को करने से पहले भगवान गणेश (Sankashti Chaturthi puja vidhi) की पूजा की जाती है।
मिलता है मनचाहा वरदान इस बार संकष्टी चतुर्थी के दिन कई शुभ संयोग (Sankashti Chaturthi 2020) बन रहे हैं। शुक्रवार के दिन के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। हिंदू धर्म मान्यताओं के अनुसार, शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश (Sankashti Chaturthi puja timing) की पूजा का महत्व बढ़ जाता है। कहते हैं कि सर्वार्थ सिद्धि योग (Sankashti Chaturthi) में श्रीगणेश की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति और मनचाहा वरदान भी प्राप्त होता है।
ऐसे बनेंगे आपके सारे काम अगर आपके जीवन में कोई दिक्कतें व मुश्किलें आ रही हैं तो संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश (Sankashti Chaturthi) को दही अर्पित करना चाहिए। जिससे बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं।
जानिए, कैसे करें इसकी पूजा इस दिन गणपति में आस्था रखने वाले भक्त व्रत रखते हैं और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन पूजा-अर्चना से प्रसन्न होकर बप्पा अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। सबसे पहले स्नान कर लाल रंग का स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद गणपति की पूजा की शुरुआत करें।
बप्पा की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजाएं। तिल, गुड़, लड्डू, पुष्प, धुप और चन्दन से पूजा करें।भगवान को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें। प्रसाद के तौर पर बप्पा को केला या नारियल चढ़ाएं। गणपति को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं। चांद के निकलने से पहले गणपति की पूजा करें और संकष्टी व्रत कथा का पाठ करें। संकष्टी चतुर्थी की पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद बाटें। रात को चांद देखने के बाद अपना व्रत खोलें।
जानिए, क्या है इसका महत्व संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती हैं और घर पवित्र हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। चतुर्थी के दिन चन्द्र दर्शन भी बहुत शुभ माना जाता है।