1950 में जवाहर लाल नेहरू को पटेल ने लिखा था खत
1947 को हमारा देश आजाद हुआ। एक ओर जहां इस देश की गद्दी को संभालने के लिए जवाहर लाल नेहरू का नाम सामने आया तो वहीं दूसरी 1 अक्टूबर, 1949 को माओत्से तुंग के नेतृत्व चीनी लोक गणराज्य की स्थापना की। आजादी के बाद दोनों देशों में मित्रता भाइचारे वाले संबंध बने। यह वो समय था जब चीन दुनिया में अलग-थलग पड़ा हुआ था, तब भारत ही ऐसा देश था जो चीन के साथ खड़ा था। इतनी है नही भारत ने चीन के साथ ऐसी दोस्ती निभाई कि जब जापान ने किसी वार्ता में भारत को तो बुलाया लेकिन चीन को आमंत्रित नहीं किया। तब भारत ने भी जापान की इस वर्ता में हिस्सा लेने से मना कर दिया। और जवाहर लाल नेहरू की इसी गलती की वजह से भारत संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता नही बन पाया। और अपनी जगह ये स्थान चीन को दे दिया।
लेकिन सरदार पटेल चीन की इस चाल को भांप गए थे। और साल 1950 में ही सरदार पटेल ने नेहरू को एक पत्र लिखकर चीन से सावधान रहने के लिए कहा था। अपनी मौत के एक महीने पहले ही सरदार वल्लभ भाई पटेल ने चीन के खतरे को लेकर नेहरू को आगाह करते हुए एक चिट्ठी में लिखा था कि भले ही हम चीन को अपना दोस्त मान रहे है लेकिन कम्युनिस्ट चीन इस दोस्ती से अपना स्वार्थ देख रहा है। हमें ध्यान रखना चाहिए कि तिब्बत के गायब होने के बाद अब चीन हमारे दरवाजे तक पहुंच गया है। लेकिन पंडित नेहरू ने उकी किसी भी सलाह को अहमियत नहीं दी। और जिसका नतीजा यह हुआ कि एक दिन अचानक बिना किसी को अगाह किए चीन ने भारत पर हमला बोल दिया जो हमारे लिए एक बड़ी हार साबित हुई।