उन्होंने बताआ कि हमें पहले ये एक कांच की सामग्री लगी लेकिन जब हमने इस पर गौर किया तो पाया कि ये आदमी के मस्तिष्क का हिस्सा था। उन्हें इसके अंदर से न्यूरॉन्स मिले हैं, जिसे विशेषज्ञों ने कहा कि पहले वह मृतक का मस्तिष्क था।
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शोधकर्ताओं के मुताबिक अत्यधिक गर्म होने और तेजी से ठंडा होने के कारण उस शख्स का मस्तिष्क का कांच में परिवर्तित हो गया होगा।
इस शोध के मुखिया और अध्ययन के प्रमुख लेखक पियर पाओलो पेट्रोन बताते हैं हेरिटेनियम में विट्रीफिकेशन प्रक्रिया की मदद से शव के न्यूरोनल संरचनाओं को जमा दिया था, जिससे उन्हें आज तक बरकरार रखा गया है।
बता दें हरकुलेनियम एक प्राचीन शहर था, जो कि वेसुवियस पर्वत पर स्थित था। लगभग 2000 साल पहले यहां पोम्पेई ज्वालामुखी का भयंकर विस्फोट हुआ था।
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इस विस्फोट में हरकुलेनियम के 13 हजार से अधिक लोग मारे गए थे। ज्वालामुखी के लावे की वजह से का बादल इतना गर्म हो गया कि कि मांस और लकड़ी जैसी सामग्री भी कार्बोनेटेड में बदल गई। 1960 के दशक में इसी विस्फोट में मारे गए एक नर कंकाल को वैज्ञानिकों ने खोजा था। जिसकी अब जांच की जा रही है।
वैज्ञानिकों की माने तो यह कंकाल एक पुरुष का था जिसकी उम्र 25 वर्ष के आस-पास रही होगी। उनके मुताबिक शख्स विस्फोट के समय अपने बिस्तर पर में नीचे मुंह करके सोया हुआ था, उसकी मौत उसी अवस्था में हुई होगी।