कई रोगों से ग्रस्त थे स्वामी विवेकानंद, जिंदगी बदल देने वाली हैं उनकी ये बातें
नई दिल्ली। इंसान अपने कर्मों से महान बनता है इस बात का उदाहरण थे स्वामी विवेकानंद ( swami vivekananda )। 25 वर्ष की आयु में उन्होंने भगवा वस्त्र धारण कर दुनियाभर में हिंदुत्व का प्रचार प्रसार किया। 12 जनवरी 1863 को जन्में स्वामी विवेकानंद ने 4 जुलाई 1902 को संसार त्याग दिया था। दुनियाभर में हिंदुत्व का झंडा बुलंद करने वाले स्वामी विवेकानंद 31 बीमारियों से ग्रस्त बताए जाते हैं। मशहूर बांग्ला लेखक शंकर की पुस्तक ‘द मॉन्क एस मैन’ में यह लिखा है कि वे निद्रा, यकृत, गुर्दे, मलेरिया, माइग्रेन, मधुमेह व दिल सहित 31 बीमारियों से पीड़ित थे। स्वामी विवेकानंद पर लिखी गई कई किताबों में कहा गया है कि वे शारीरिक प्रबलता में विश्वास रखते थे। उनका मानना था कि गीता पढ़ने से अच्छा है खेलकूद की वातिविधियों में भाग लेना।
29 मई, 1897 को शशिभूषण घोष के नाम लिखे पत्र में कहा था कि “मैं अपनी जिंदगी में कभी बिस्तर पर लेटते ही नहीं सो सका।” विवेकानंद की बड़ी बीमारियों में से एक था उनका अनिद्रा से जूझना। कई लेखों से पता चलता है कि विवेकानंद मधुमेह से भी पीड़ित थे। उस समय में मधुमेह का इलाज नहीं था। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विवेकानंद ने अपने उपचार के लिए कई माध्यमों का सहारा लिया। चाहें वो एलोपैथिक, होम्योपैथिक और आयुर्वेद।
जिंदगी बदल देने वाली हैं उनकी ये बातें 1. जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है। 2. जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
3. पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं। 4. ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।
5. एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ। 6. पवित्रता, धैर्य और उद्यम- ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूं।
7. उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तमु अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते। 8. ध्यान और ज्ञान का प्रतीक हैं भगवान शिव, सीखें आगे बढ़ने के सबक।
9. लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो। 10. जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते।
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