क्या है पूरा मामला? खबरों के मुताबिक, बल्लभगढ़ के पास सागरपुर गांव में एक प्राइमरी स्कूल है। गांव की ही एक युवती यहां गेस्ट टीचर के रूप में बच्चों को पढ़ाती है। आरोप है कि बीते शनिवार को टीचर पहली कक्षा के बच्चों के जूते और वर्दी चेक रही थी। इस दौरान चार छोटी बच्चियां जूते नहीं पहने हुई थी। इसके बाद टीचर ने अपना आपा खो दिया। आरोप है कि चारों बच्चियों के चप्पल उतारकर उनके सिर में रिबन से बांध दिया। इसके बाद उनकी पिटाई भी की। टीचर ने कहा, ”जब तुम्हें शिक्षा विभाग की ओर से जूते खरीदने के लिए 450 रुपए मिलते हैं, तो जूते पहनकर क्यों नहीं आती हो।”
घर पहुंचकर बच्चियों ने बयां की पूरी कहानी जब बच्चियां अपने घर पहुंची तो रोने लगीं। घरवालों के पूछने पर उन्होंने पूरी कहानी बयां की। गुस्साए परिजन टीचर के घर पहुंचे और इस मामले में बात की, लेकिन टीचर ने ऐसे किसी भी काम से साफ इनकार कर दिया।
प्रिंसिपल से बात करने के बाद हो गइर् सुलह
सोमवार को बच्चियों के घरवाले स्कूल में पहुंचे और प्रिंसिपल पूनम से बात की। पूनम ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि टीचर ने बच्चियों के साथ चप्पल बांधने वाली कोई बात नहीं की है। उन्होंने पूरी क्लास से इस बारे में पूछ लिया है। प्रिंसिपल से बात होने के बाद घरवाले अपने घर लौट गए और किसी को कोई शिकायत नहीं दी। जिला शिक्षा अधिकारी सतेंद्र कौर वर्मा का कहना है कि एेसी कोई शिकायत नहीं मिली है। हालांकि, मामले की सच्चाई का पता लगाया जाएगा। अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।