बताया जा रहा है कि ये मंदिर बनने के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर (3 Largest Temples in the World )होगा। इसके साथ ही मंदिर परिसर में भगवान श्रीराम (Lord Sriram) की सबसे ऊंची मूर्ति लगायी जाएगी। यह गुजरात (Gujrat) में स्थापित लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabh Bhai) की मूर्ति से बड़ी होगी। यह अभी वर्तमान में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा के निर्माण पर 3000 हजार करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा।
जानकारी के लिए बता दें चीन स्थित स्प्रिंग टेंपल(China based spring temple) की 153 मीटर ऊंची बुद्ध प्रतिमा के नाम अब तक सबसे ऊंची मूर्ति होने का रिकॉर्ड था। लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा ने अब चीन में स्थापित इस मूर्ति को दूसरे स्थान पर छोड़ दिया । 182 मीटर ऊंचे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (Statue of Unity) का आकार न्यूयॉर्क के 93 मीटर उंचे ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से दोगुना है। ऐसे में 251 मीटर ऊंची राम के प्रतिमा के आगे सब फिके पड़ने वाले हैं।
कितना होगा खर्च?
182 मीटर ऊंचे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (Statue of Unity) की बात करें तो लर्सन एंड टर्बो और राज्य सरकार के सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड ने 250 इंजीनियर, 3,400 मजदूरों की मदद से इसे चार साल में बनाया गया था। इतना ही नहीं नहीं प्रतिमा के निर्माण के लिए चीन के भी शिल्पियों की भी मदद ली गई थी। सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा, जिसे Statue of Unity कहा जा रहा है पर लगभग 2989 करोड़ रुपए का खर्च आया है। इसमें मुख्य प्रतिमा बनाने में1,347 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि 235 करोड़ रुपये प्रदर्शनी हॉल और सभागार केंद्र पर खर्च किये गये। वहीं 657 करोड़ रुपये निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अगले 15 साल तक ढांचे के रखरखाव पर खर्च किए किए जाएंगे. 83 करोड़ रुपये पुल के निर्माण पर खर्च किये गये।
वहीं राम जी प्रतिमा इससे 69 मीटर और ऊंची है ऐसे में इसे बनाने में और पैसे खर्च होने वाले हैं। एक अनुमान के मुताबिक इसे बनाने में 3000 करोड़ से अधिक खर्च होने वाले हैं।
कौन बना रही मूर्ती?
श्री राम मूर्ति का डिजाइन और निर्माण मशहूर मूर्तिकार राम सुतार और उनके बेटे अनिल सुतार करेंगे। 92 वर्षीय राम वी. सुतार की देखरेख में में ही ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ मूर्ति का निर्माण हुआ था। देश-विदेश में अपनी शिल्प कला का लोहा मनवाने वाले राम वी. सुतार को साल 2016 में सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था।
अनिल सुतार का कहना है कि इस मूर्ति का निर्माण नोएडा और साहिबाबाद में उनके मूर्ति बनाने वाले कारखाने में होगा। बाद में मूर्ति के हिस्सों को सरयू नदी किनारे जहां मूर्ति निर्माण हो रही है वहां पर जोड़ा जाएगा। इस मूर्ति के बनने में तकरीबन 4 साल का वक्त लग सकता है।
पर्यटन को होगा फायदा?
251 मीटर श्री राम मूर्ति बनने के बाद पर्यटन को कितना फायदा होगा इसे समझने के लिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पिछले एक साल के आंकड़ों को देख लेते हैं। 31 अक्टूबर को मोदी सरकार के इस प्रोजेक्ट को 2 साल पूरे हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि सिर्फ एक साल में सरकार को इस जगह से करोड़ों रुपए का फायदा हुआ है। स्टैच्यू को देखने के लिए लगभग 26 लाख लोग आ चुके हैं।
इस दौरान हुई टिकटों की सेल से सरकार को लगभग 57 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। यह आंकड़े 1 नवंबर 2018 से 12 सितंबर 2019 तक के हैं। एक साल में कुळ 5.75 करोड़ पर्यटक घूमने आए हैं। वहीं, इसमें कुल 12.35 लाख विदेशी लोगों ने विजिट किया है।
ऐसे में अब अंदाजा लगाए तो श्री राम मूर्ति बनने के बाद यहां फायदा इससे कई गुना ज्यादा होने वाला है। क्यों कि ये जगह एक धार्मिक स्थल है। इसके साथ ही अयोध्या के कई इलाकों में लोगों के रोजगार भी मिलने वाला है।