निर्भया के दोषियों को इस दिन हो सकती है फांसी, इस तारीख को लेंगे अंतिम सांस
इस लिस्ट में सबसे पहली डरावनी घटना है, हरिया के डबवाली स्कूल ( School ) में लगी आग की। इस घटना को देश का अब तक सबसे बड़ा अग्निकांड माना जाता है। जहां 23 दिंसबर 1995 को हुई इस घटना में स्कूली बच्चों समेत 442 लोगों की जान चली गई। इसमें 136 महिलाएं और 258 बच्चे शामिल थे। यहां वार्षिक उत्सव के दौरान पंडाल के गेट पर शॉट सर्किट हुआ और चंद मिनटों में आग ने पूरे पंडाल को अपनी चपेट में ले लिया। पंडाल के पास ही खाना बनाने के लिए गैस सिलेंडर रखा था, जो आग से जल उठा। बिजली के तार ने भी आग पकड़ ली। पास रखे जनरेटर में भी डीजल होने के कारण आग और भड़क गई। पंडाल के ऊपर तिरपाल की छत बिछाई गई थी। तिरपाल की पॉलिथीन में आग लग जाने से वो पिघलती हुई लोगों पर गिरी और देखते ही देखते लाशों का ढेर बिछ गया।
साल 2011 में कोलकाता में स्थित AMRI अस्पताल में भी भीषण आग लगी थी, जिसमें दम घुटने और जलने की वजह से 89 लोगों की मौत हो गई थी। चश्मदीदों के मुताबिक, 9 दिसंबर की सुबह लगभग साढ़े 3 बजे अस्पताल के बेसमेंट से धुआं निकलता हुआ दिखाई दिया। बेसमेंट में रखे ज्वलनशीन पदार्थों की वजहों से आग और तेजी से फैल गई। बाद में आग और धुएं की वजह से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। वहीं मायानगरी मुंबई में कमला मिल्स परिसर की एक कॉमर्शियल बिल्डिंग में आग लगने से 14 लोगों की मौत हो गई थी। साथ ही 55 लोग घायल हुए थे। ये घटना 28 दिसंबर 2017 को हुई थी।
13 जून 1997 को दिल्ली में 59 लोगों की जलकर और दम घुटने मौत हो गई थी। इस घटना को उपहार अग्निकांड के नाम से भी जाना जाता है। साउथ दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा के बाहर शुक्रवार 13 जून 1997 को सनी देओल, सुनील शेट्टी और अक्षय खन्ना की फिल्म बॉर्डर का फर्स्ट डे, फर्स्ट शो देखने के लिए लंबी कतारें लगी थीं। शो था शाम का था। शाम करीब 4 बजकर 55 मिनट सिनेमा हॉल के बेसमेंट में रखे जनरेटर में आग लग गई और धीरे-धीरे पूरे हॉल को आग ने अपने आगोश में ले लिया। इस घटना के कारण हॉल में भगदड़ मच गई और 59 लोग इस आग में ज़िंदा जल गए। वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। मरने वालों में 23 बच्चे भी थे। सिनेमा हॉल में क्षमता से अधिक लोग बैठे थे। जांच में सामने आया कि सिनेमा हॉल में सुरक्षा और आग रोकने के पुख्ता इंतज़ाम तक नहीं थे।