दादी ने गुस्से में 2 साल की मासूम पोती पर फेंका खौलता पानी, पैर हुआ बेकार शिक्षक सुंदर लाल अहीरवाल दमोह जिले के नौरादेही सेंचुरी इलाके में बने स्कूल में तैनात थे। ये स्कूल लमती मुरारी गांव में स्थित है। ये एक आदिवासी इलाका है। यहां बच्चों को स्कूल में पढ़ाना आसान नहीं हैं। क्योंकि यहां शिक्षा का स्तर अच्छा नहीं है। ऐसी कठिन परिस्थिति में अहीरावाल ने काम किया। उन्होंने गांव वालों को अपने बच्चों को स्कूल में भेजने के लिए प्रेरित किया था। उनकी बात मानकर स्कूल में कई बच्चों ने दाखिला लिया था।
गुरुवार को सुन्दर अहीरवाल स्कूल से रिलीव हुए। इस मौके पर उनका विदाई समारोह आयोजित किया गया। इसमें बच्चों के साथ अभिभावकों ने भी हिस्सा लिया। अहीरवाल की विदाई की खबर सुनकर बच्चे और अभिभावक अपने आंसू नहीं रोक सके। वे फूट-फूटकर रोने लगे। ये देख शिक्षक अहीरवाल भी खुद को संभाल नहीं सकें। वे भाव विभोर हो गए थे। उन्होंने बच्चों को आगे पढ़ने की सलाह दी। साथ ही अपने कार्यकाल के दौरान जाने-अनजाने हुई गलती के लिए सबसे माफी भी मांगी। सुंदरलाल का ट्रांसफर उनके गृह जनपद टीकमढ़ में हुआ है।