शोधकर्ताओं के अनुसार ऐसा करीब एक मिलियन भैंस के बछड़ों में से केवल एक में ही देखने को मिलता है। वक्त के साथ बच्चे के बड़े होने पर उनका सफेद रंग खो जाता है और वे भी काले या भूरे रंग के हो जाते हैं। हालांकि सफेद रंग के इस भैंस के बच्चे के जन्म से वहां के स्थानीय लोग काफी खुश हैं। सोशल मीडिया पर आदिवासियों की ओर से आयोजित जश्न की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है। जिसमें सफेद बछड़ा नजर आ रहा है।
वहां के आदिवासी लोग भैंस के इस बच्चे के जन्म को भविष्य के संकेत के तौर पर देख रहे हैं। उनका मानना है कि महिलाओं को अधिक नेतृत्वकारी भूमिका निभानी चाहिए। तभी सफेद बच्चे का जन्म हुआ है। वहीं वैज्ञानिकों का मानना है कि भैंस के हार्मोन में बदलाव के चलते सफेद बच्चे ने जन्म लिया है। मोंटाना हिस्टोरिकल सोसायटी का कहना है कि ऐसी घटना पांच मिलियन में से सिर्फ एक में ही देखने को मिलती है।