scriptइन्द्र देव को प्रसन्न करने के लिए अनूठा तरीका, पूजा-अनुष्ठान के साथ ही शवों का फिर से कर रहे अंतिम संस्कार | A unique way to please Lord Indra, along with worship and rituals, the bodies are being cremated again | Patrika News
हुबली

इन्द्र देव को प्रसन्न करने के लिए अनूठा तरीका, पूजा-अनुष्ठान के साथ ही शवों का फिर से कर रहे अंतिम संस्कार

कर्नाटक के ग्रामीण इलाकों में इन्द्रदेव को प्रसन्न करने के लिए अनूठे तरीके अमल में लाए जा रहे हैं। ग्रामीण बारिश के लिए पूजा-पाठ, अनुष्ठान तो कर ही रहे हैं लेकिन अब शवों को कब्र से निकाल उनका फिर से अंतिम संस्कार करने लगे हैं। ऐसे करीब आधा दर्जन मामले सामने आ चुके हैं। कर्नाटक के चिकमगलूरु एवं आसपास के इलाकों में ऐसी घटनाएं देखने को मिली है।

हुबलीMay 19, 2024 / 03:25 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

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चिकमगलूरु इलाके के अज्जमपुरा तालुक में शिवानी होबली में पर्याप्त वर्षा नहीं हो पाई, बड़ी संख्या में किसान, जो अपने सुपारी बागानों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वर्षा देवता को प्रसन्न करने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं। पूजा और अन्य अनुष्ठानों की श्रृंखला के बावजूद तालुक में बारिश नहीं हुई। इसलिए ग्रामीणों ने कथित तौर पर दफनाए गए शवों को बाहर निकाला और उनका अंतिम संस्कार किया। इलाके का शिवानी भयंकर सूखे से ग्रसित है। धान के अधिकांश खेतों को सुपारी के बागानों में बदल दिया गया है और प्रत्येक भूखंड में दो से तीन बोरवेल हैं। इस गर्मी में लगभग सभी झीलें, कुएं और बोरवेल सूख गए हैं। सिंचाई सुविधाओं की कमी के कारण सुपारी के बागान भूरे हो गए हैं। कई किसान खेत की सिंचाई के लिए टैंकरों पर निर्भर हैं। हालांकि जिले के अधिकांश हिस्सों में मई में बारिश हुई, लेकिन शिवानी होबली में बूंदाबांदी भी नहीं हुई। शिवानी, चीरनहल्ली, डंडूर, जलदीहल्ली, चिक्कनवंगल, कल्लेनहल्ली और बक्कमबुडी में 15 मई के बाद भी बारिश नहीं हुई। इससे निराश होकर किसानों ने पूजा-अर्चना की थी। बाद में अंतिम प्रयास के रूप में ग्रामीणों ने चर्चा की और शवों को कब्र से निकालकर उनका अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। जदीनहल्ली में पांच से छह शव निकाले गए और उनका अंतिम संस्कार किया गया। शिवानी के बाहरी इलाके में एक महिला का शव निकाला गया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। एक स्थानीय निवासी की मानें तो शवों का अंतिम संस्कार करने के बाद क्षेत्र में बारिश हुई। हालांकि कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि जांच के लिए अदालत की अनुमति मिलने के बाद ही शव निकाले जाते हैं। आवश्यकता पडऩे पर शव को बाहर निकालना अपराध बन जाता है।

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