कोल्हापुर शाहू शक्कर कारखाने को सर्वोत्कृष्ट कारखाना पुरस्कार
हुबलीPublished: Oct 23, 2021 12:40:58 am
कोल्हापुर शाहू शक्कर कारखाने को सर्वोत्कृष्ट कारखाना पुरस्कार
कोल्हापुर शाहू शक्कर कारखाने को सर्वोत्कृष्ट कारखाना पुरस्कार
कोल्हापुर शाहू शक्कर कारखाने को सर्वोत्कृष्ट कारखाना पुरस्कार
-यह पुरस्कार 16 नवंबर को नई दिल्ली में दिया जाएगा
कोल्हापुर
देश के सहकारी शक्कर कारखानों की शिखर संस्था नई दिल्ली के नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज ने यहां के छत्रपति शाहू सहकारी शक्कर कारखाने को उच्च शक्कर उतारा विभाग में देश का सर्वोत्कृष्ट शक्कर कारखाना पुरस्कार देने की घोषणा की है। गलीत हंगाम 2020-21 के लिए यह पुरस्कार मिला है। शाहू शक्कर कारखाने को आज तक 64 पुरस्कार मिल चुके हैं।
इस पुरस्कार के चयन के बारे में खत राष्ट्रीय शक्कर महासंघ के कार्यकारी संचालक प्रकाश नाईकनवरे ने कारखाने को भेजा है। यह पुरस्कार 16 नवंबर को नई दिल्ली में प्रदान किया जाएगा। यह जानकारी संस्था के चेयरमैन समरजित घाटगे ने दी।
इस बीच पुरस्कार घोषित होते ही कारखाना कार्यस्थल पर आतिशबाजी करके मिठाई बांटी गई। कारखाना प्रांगण में आराध्य दैवत राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज, कारखाना के संस्थापक विक्रमसिंह घाटगे की प्रतिमा को पुष्पहार पहनाया गया। इस समय वाइस चेयरमैन अमरसिंह घोरपडे, सभी संचालक, कार्यकारी संचालक जितेंद्र चव्हाण आदि उपस्थित थे।
नामांकित पुरस्कारों से गौरव
शाहू शक्कर कारखाने को इससे पहले देश का सर्वोत्कृष्ट शक्कर कारखाना पुरस्कार हंगाम 2002-03, हंगाम 2007-08 और हंगाम 2013-14 इस तरह तीन बार पुरस्कार मिले हैं। अब हंगाम 2020-21 के लिए चौथी बार यह पुरस्कार मिला है। राष्ट्रीय स्तर का यह 23वां पुरस्कार है। शाहू कारखाने को राज्यस्तर के 41 पुरस्कार मिले हैं। अब तक सर्वोत्कृष्ट शक्कर कारखाना -4, उत्कृष्ट शक्कर कारखाना-11, तांत्रिक कार्यक्षमता -22, उत्कृष्ट आर्थिक व्यवस्थापन -9, उत्कृष्ट गन्ना विकास व्यवस्थापन-9, उत्कृष्ट व्यवस्थापन- 9, उत्कृष्ट डिस्टिलरी व्यवस्थापन- 1, सर्वाधिक शक्कर निर्यात -2, प्रशंसा प्रशस्ति पत्र -1, बाकी पुरस्कार -5 मिले हैं। इस तरह कुल 64 पुरस्कार कारखाने को प्राप्त हुए हैं।
शाहू परिवार के हर घटक का गौरव
पुरस्कार की घोषणा के बाद प्रतिक्रिया देते समय शाहू शक्कर कारखाने के चेयरमैन समरजितसिंह घाटगे ने कहा कि कारखाने को मिला यह पुरस्कार संस्थापक विक्रमसिंह घाटगे के मार्गदर्शन और कारखाने के सभासद व किसानों की ओर से दिखाया गया विश्वास, व्यवस्थापन के नियोजन के चलते मिला है।