इस चुनाव में भाजपा के पांच बार के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीपद नाइक का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री रमाकांत खलप से है। वे आखिरी बार 1999 के लोकसभा चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ उतरे थे और खलप हार गए थे। चुनाव पर नजर रखने वालों का कहना है कि मौजूदा चुनाव में कांग्रेस नाइक की नाराजगी और सत्ता विरोधी दबाव का फायदा उठाने में असमर्थ रही। भाजपा को बिचोलिम में पर्याप्त बढ़त हासिल करने और राज्य के शेष तालुकाओं में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में आरजीपी की उपस्थिति देखी गई। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह 2022 के विधानसभा चुनावों में हासिल किए गए अपने वोट शेयर को बढ़ा पाती है या नहीं।
भाजपा के एक नेता ने कहा, पन्ना प्रमुखों ने सहानुभूतिपूर्ण मतदाताओं की पहचान करने और उन तक पहुंचने में भाजपा के लिए जमीनी काम किया है। प्रमुखों को अन्य मतदाताओं को कमल का बटन दबाने के लिए मनाने का भी काम सौंपा गया था। कांग्रेस का संगठन ज़मीनी स्तर पर कमज़ोर था और मतदान के दिन मतदाताओं से जुडऩे के लिए कोई अतिरिक्त प्रयास नहीं किए गए। एक राजनीतिक पर्यवेक्षक के अनुसार, उत्तरी गोवा में मतदाताओं द्वारा उजागर किए गए प्रमुख मुद्दे बेरोजगारी में वृद्धि और विकास की कमी थे, हालांकि ये चुनाव के दिन स्पष्ट नहीं थे। उत्तरी गोवा सीट पर भाजपा 1999 से जीतती आ रही है।