लोगों की सराहना का पात्र बना
मल्लप्पा यामोजी धारवाड़ के वार्ड संख्या 17 में बेहद चहेता सफाईकर्मी है। पर्यावरण स्वच्छता के बारे में चिंता तथा कार्यों से इस भाग में परिचित है। पिछले पांच-छह वर्षों से ठोस कचरा पहुंचाने वाले ऑटोरिक्शा डम्पर चालक के तौर पर संविदा के आधार पर कार्यरत है। सुबह सवेरे कार्य आरम्भ करने वाला मल्लप्पा अनुशासन का सिपाही है। इसने मात्र सातवीं कक्षा तक पढ़ाई की है। अपने संवेदनशील बर्ताव से वह यहां के लोगों की सराहना का पात्र बना हुआ है।लोगों का कर रहा जागरूक
मंदिर परिसर, उद्यान, कुछ पेड़ों के नीचे टूटे क्षतिग्रस्त भगवानों के फोटो फेंकने से लोगों को समस्या होने के कारण उसने यह नया अभियान शुरू किया है। अपने वार्ड क्षेत्र के हर एक मंदिर, उद्यानों को जाकर लोगों में जनजागरुकता पहुंचा रहा है। स्वयं के खर्च में कुछ पर्चे छपवाकर बांट रहा है। मंदिर के पुजारी, प्रशासन मंडल वालों से मुलाकात कर उनकी अनुमति के साथ फोटो फेंकने वाली जगह पर पर्चा चिपका रहा है। ऑटोरिक्शा के माइक की मदद से इस बारे में जागरुकता पहुंचाई जा रही है।संदेश दे रहा है
फोटो स्थित कीलें, टूटे शीशे खतरनाक वस्तुओं से लोगों को बहुत समस्या होती है। खासतौर पर शांत जगह दुषित होने के कारण से क्षतिग्रस्त भगवानों के फोटो, खतरनाक वस्तुओं को हर कहीं नहीं फेंककर महानगर निगम वाहन को दें हम ले जाएंगे के संदेश को दे रहा है।स्वमूल्यांकन का संदेश
खुद के किए कार्य के बारे में जनता को संतुष्टि है या नहीं इसे जानने वाले मल्लप्पा ने इसके लिए उनसे लिखित राय प्राप्त करता है। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. एमएम कलबुर्गी, गिरड्डी गोविंदराजु, चन्नवीर कणवी, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों समेत गणमान्यों से अपने कार्य के बारे में राय प्राप्त किया है।क्षतिग्रस्त भगवान की फोटो फेंकना सही नहीं
मेरे कार्य से संतुष्ट है या नहीं इसे जानने के लिए राय संग्रह किया है। राय में स्वच्छता के बारे में नाराजगी व्यक्त होने पर इसे पूरा नहीं करके दूसरे कार्य को नहीं करता। मंदिर तथा वहां का परिसर भक्ति का केंद्र है। ऐसी जगह पर क्षतिग्रस्त भगवान की फोटो फेंकना सही नहीं है। फोटो में कील, शीशे खतरनाक वस्तु होने से इन्हें संग्रह करने के उद्देश्य से जनता में जनजागरुकता पहुंचाने, पर्चे बांटने का कार्य कर रहा हूं।
–मल्लप्पा यामोजी, ऑटोरिक्शा डंपर चालक, महानगर निगम
हर एक के लिए आदर्श
मल्लप्पा यमोजी का कार्य सराहनीय है। इस कार्य के लिए किसी भी अधिकारी ने नहीं कहा है। स्वयं प्रेरणा से खुद के खर्च में इस कार्य को कर रहा है। इसका कार्य हर एक के लिए आदर्श है।
–डॉ. सुरेश इट्नाळ, आयुक्त, हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम